HomeAdivasi Dailyमणिपुर में हजारों आदिवासी छात्रों ने पढ़ाई जारी रखने में आ रही...

मणिपुर में हजारों आदिवासी छात्रों ने पढ़ाई जारी रखने में आ रही दिक्कतों के कारण किया प्रदर्शन

मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले आदिवासी छात्रों (Tribal Students) की पढ़ाई अभी भी प्रभावित है. ख़ासतौर से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों का कहना है कि इंफ़ाल में स्थिति कॉलेजों में उनकी पढ़ाई अब संभव नहीं है. इसलिए केंद्र या राज्य सरकार को पड़ोसी राज्यो में कुछ वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए.

मणिपुर में हजारों आदिवासी छात्रों ने अपनी शिक्षा पर चल रहे हिंसा के प्रभाव को लेकर शनिवार को एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. जॉइंट स्टूडेंट बॉडी (JSB) के बैनर तले विरोध प्रदर्शन चुराचांदपुर (Churachandpur) में आयोजित किया गया, जो उन दो स्थानों में से एक है, जहां मई में हिंसा भड़की थी.

छात्रों ने हाथों में तख्तियां लेकर विशाल रैली निकाली. इस विरोध प्रदर्शन में मणिपुर के जवाहरलाल नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में मेडिकल पाठ्यक्रम कर रहे छात्र भी शामिल थे.

दोनों परिसर इंफाल में स्थित हैं. मणिपुर में हिंसा ने पूरे राज्य को मैदानी और पहाड़ी इलाकों में बांट दिया है. पहाड़ी इलाके में कुकी आदिवासी रहते हैं. जबकि इंफ़ाल यानि मैदानी इलाके में मैतई समुदाय के लोग रहते हैं.

यह भी पता चला है कि अभी भी बहुत से ऐसे छात्र हैं जो अपने घरों से भाग गए थे और इन में से कई सुरक्षा चिंताओं के कारण वापस नहीं लौटे हैं.

मणिपुर के आदिवासी इलाकों के जो छात्र-छात्रा इंफ़ाल में पढ़ रहे थे, वे अभी भी अपने शिक्षण संस्थानों में नहीं लौट पाए हैं. MBB से इस सिलसिले में बातचीत में कई आदिवासी छात्रों ने यह कहा कि उनके साथ पढ़ने वाले मैतई छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन हिंसा भड़कने के बाद पहाड़ियों पर चले गए आदिवासी छात्रों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

छह महीने से अधिक समय से चली आ रही जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए छात्र सरकार से नजदीकी राज्यों में वैकल्पिक व्यवस्था की मांग कर रहे हैं, ताकि वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें. इन छात्रों ने राज्य एंव केंद्र सरकार पर कुकी-ज़ो समुदाय के छात्रों की शिक्षा के प्रति लापरवाही का आरोप लगाया है.

इसके अलावा उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन टेस्ट फिर से शुरू करने की भी मांग की है.

प्रदर्शनकारियों में से एक छात्र ने कहा कि छात्र अपनी परीक्षा देने के लिए तैयार हैं और उन्होंने परीक्षा शुल्क और आवश्यक दस्तावेज जमा कर दिए हैं. लेकिन उन्हें अभी तक अपने संस्थानों से यह नहीं पता चल सका है कि वे परीक्षा कब दे सकते हैं.

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि वे छात्रों की समस्याओं के प्रति राज्य और केंद्र सरकारों के “अन्याय” और “उदासीनता” के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

इन सबके अलावा प्रदर्शनकारियों ने राज्य में अशांति के दौरान पाठ्यक्रम सामग्री और प्रमाणपत्रों सहित शैक्षिक दस्तावेजों को जलाने की भी निंदा की और यह कहा है कि आज तक उनके समुदाय के छात्रों के खिलाफ अपराध करने वाले किसी भी व्यक्ति पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, कोई जवाबदेही तय नहीं की गई है.

मणिपुर में 3 मई से हिंसा का दौर चल रहा है. वैसे तो इस हिंसा में मैदानी इलाकों में भी कई लोगों की जान गई है. लेकिन मैदानी इलाकों में कम से कम बच्चों के स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई शुरू हो सकी है.

लेकिन पहाड़ी इलाकों के जो छात्र राजधानी इंफ़ाल में पढ़ रहे थे उनकी पढ़ाई के लिए अभी तक कोई रास्ता नहीं खुला है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments