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Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस की नजरें मध्य प्रदेश की 6 आदिवासी सीटों पर

सामान्य वर्ग के मतदाता भाजपा के पक्ष में नजर आ रहे हैं. ऐसे में उन्हें लगता है कि 'मोदी लहर' का असर आदिवासी मतदाताओं पर भी पड़ेगा, जिससे उन्हें फायदा हो सकता है. इसलिए 'मोदी लहर' पर निर्भर सत्तारूढ़ दल लोकसभा चुनाव के लिए आदिवासियों को लुभाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है.

मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों में पार्टी को मिले समर्थन के कारण ही कांग्रेस पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में 66 सीटें जीतने में सफल रही. अब पार्टी को लोकसभा चुनाव में आदिवासी वोटों पर काफी भरोसा है.

मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 6 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. ये सीटें हैं- मंडला, शहडोल, बैतूल, खरगोन, धार और रतलाम. कांग्रेस इन सीटों पर पूरा ध्यान दे रही है.

पहले चरण में मंडला और शहडोल में मतदान होना है. कांग्रेस पार्टी इन विधानसभा क्षेत्रों में आदिवासी मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है.

एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित 47 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 24 और कांग्रेस को 22 सीटें मिली थी. एक सीट दूसरे राजनीतिक दल के पास गई थी.

क्योंकि आदिवासी इलाकों में कांग्रेस को 45 फीसदी सीटें मिली हैं इसलिए माना जा रहा है कि पार्टी इन इलाकों में अच्छा प्रदर्शन करेगी. आदिवासी इलाकों में राम मंदिर की कोई लहर नहीं है. यहां राष्ट्रीय मुद्दों से ज्यादा स्थानीय मुद्दे हावी हैं.

सामान्य वर्ग के मतदाता भाजपा के पक्ष में नजर आ रहे हैं. ऐसे में उन्हें लगता है कि ‘मोदी लहर’ का असर आदिवासी मतदाताओं पर भी पड़ेगा, जिससे उन्हें फायदा हो सकता है. इसलिए ‘मोदी लहर’ पर निर्भर सत्तारूढ़ दल लोकसभा चुनाव के लिए आदिवासियों को लुभाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है.

वहीं आदिवासी इलाकों में कांग्रेस को आदिवासियों के युवा संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (JAYS) का समर्थन मिल रहा है. लेकिन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के उम्मीदवार कांग्रेस की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

साथ ही कांग्रेस यह भी प्रचारित कर रही है कि भाजपा आदिवासियों को उनकी मूल संस्कृति से वंचित कर रही है.

2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित छह सीटों में से चार पर जीत हासिल की थी. पार्टी ने मंडला, शहडोल, धार और रतलाम सीटें जीती थी. लेकिन 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित एक भी सीट नहीं मिली. 2015 में हुए उपचुनाव में पार्टी ने रतलाम सीट जीती थी.

बीजेपी ने सभी मौजूदा सांसदों को चार आदिवासी सीटों से मैदान में उतारा है. लेकिन पार्टी ने धार और रतलाम में अपने सांसदों को टिकट नहीं दिया और इसके बजाय इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.

10 सीटों पर आदिवासियों के पास जीत की चाबी

दरअसल, आदिवासी मध्य प्रदेश की कुल आबादी का 22 प्रतिशत हैं. 29 लोकसभा सीटों में से 10 सीटों पर आदिवासियों के पास जीत की चाबी है. इसलिए दोनों प्रमुख पार्टियां – बीजेपी और कांग्रेस की नजर एसटी सीटों पर है.

आदिवासी बाहुल्य 10 लोकसभा सीटों में छिंदवाड़ा, बैतूल, खरगोन, मंडला, बालाघाट, खंडवा, रतलाम, धार, शहडोल और सीधी शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी आदिवासियों को साधने का प्रयास कर रहे हैं. प्रदेश के 19 जिलों में अनुसूचित जनजाति की आबादी आधी से ज्यादा या आधी के करीब है.

अलीराजपुर की कुल आबादी 7 लाख 28 हजार 999 है, जिसमें अनुसूचित जनजाति की आबादी 6 लाख 48 हजार 638 हैं. झाबुआ की कुल आबादी 10 लाख 25 हजार 49 है, इसमें अनुसूचित जनजाति 8 लाख 91 हजार 818 हैं. बड़वानी में कुल जनसंख्या 13 हजार 85 हजार 881 है और आदिवासी 9 लाख 62 हजार 145 हैं.

डिंडोरी की कुल आबादी 7 लाख 4 हजार 524 है, जबकि आदिवासी आबादी 4 लाख 55 हजार 789 है. मंडला की कुल जनसंख्या 10 लाख 54 हजार 905 है और एसटी 6 लाख 10 हजार 528 हैं.

धार में 21 लाख 85 हजार 793 कुल आबादी है. वहीं आदिवासी 12 लाख 22 हजार 814 है. अनूपपुर में 7 लाख 49 हजार 237 कुल आबादी है और अनुसूचित जनजाति 3 लाख 58 हजार 543 है. उमरिया में 6 लाख 44 हजार 758 कुल आबादी है जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 3 लाख 687 हैं.

शहडोल की कुल आबादी 10 लाख 66 हजार 63 में अनुसूचित जनजाति 4 लाख 76 हजार 08 हैं. बैतूल की कुल 15 लाख 75 हजार 362 आबादी में अनुसूचित जनजाति 6 लाख 67 हजार 18 हैं. खरगोन की 18 लाख 73 हजार 46 कुल आबादी में अनुसूचित जनजाति 7 लाख 30 हजार 169 हैं. सिवनी की कुल आबादी 13 लाख 79 हजार 131 में अनुसूचित जनजाति 5 लाख 19 हजार 856 हैं.

छिंदवाड़ा में कुल आबादी 20 लाख 90 हजार 922 है और अनुसूचित जनजाति 7 लाख 69 हजार 778 हैं. खंडवा की कुल आबादी 13 लाख 10 हजार 61 में अनुसूचित जनजाति 4 लाख 59 हजार 122 हैं.

सिंगरौली की कुल आबादी 11 लाख 78 हजार 273 में अनुसूचित जनजाति 3 लाख 83 हजार 994 हैं. बुरहानपुर की कुल आबादी 7 लाख 57 हजार 847 में अनुसूचित जनजाति की 2 लाख 30 हजार 95 है.

रतलाम की कुल आबादी 14 लाख 55 हजार 69 में अनुसूचित जनजाति की 4 लाख 98 हजार 865 हैं. हरदा की कुल आबादी 5 लाख 70 हजार 465 में अनुसूचित जनजाति की 1 लाख 59 हजार 678 और सीधी की कुल आबादी 11 लाख 27 हजार 33 में अनुसूचित जनजाति की 3 लाख 13 हजार 304 हैं.

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