HomeAdivasi Dailyओडिशा: डोंगरिया कोंध आदिवासियों ने 'झूठे' मामलों पर चुनाव बहिष्कार की दी...

ओडिशा: डोंगरिया कोंध आदिवासियों ने ‘झूठे’ मामलों पर चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी

आपराधिक मामलों को बंद करने के अलावा डोंगरिया सिजिमाली, बसंगमाली, कोडिंगमाली, माली पर्वत, मालीगुडा और नियमगिरि पहाड़ियों के अन्य ब्लॉक में खदानों के पट्टे रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

ओडिशा के रायगडा जिले की नियमगिरि पहाड़ियों पर खनन और पुलिस मामलों के खिलाफ डोंगरिया कोंध आदिवासियों की लड़ाई चुनाव प्रचार में तेजी आने पर राजनीतिक चर्चा का विषय बन सकती है.

डोंगरिया कोंध आदिवासियों ने आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने की धमकी दी है. उनका कहना है कि जब तक कि लंबित आपराधिक मामले, जिन्हें वे ‘झूठा’ बताते हैं, वापस नहीं लिए जाते वो दोहरे चुनावों का बहिष्कार करेंगे.

आदिवासियों के खिलाफ मामले रायगढ़ा और कालाहांडी जिलों के चार पुलिस स्टेशनों में दर्ज हैं.

नियमगिरि सुरक्षा समिति के तत्वावधान में आदिवासियों ने दावा किया कि मामले 2007-2008 से लंबित हैं जब उन्होंने अपना नियमगिरि आंदोलन शुरू किया था.

उन पर माओवादियों का समर्थन करने, पुलिस को परेशान करने, खनन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने सहित अन्य अपराधों का आरोप लगाया गया है.

ऐसे में आदिवासी आपराधिक मामलों को बंद करने के अलावा डोंगरिया सिजिमाली, बसंगमाली, कोडिंगमाली, माली पर्वत, मालीगुडा और नियमगिरि पहाड़ियों के अन्य ब्लॉक में खदानों के पट्टे रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

समिति के प्रमुख कृष्णा सिकाका ने कहा, “इन गाँवों में मेरे सहित कई लोग हैं जिनके खिलाफ झूठे मामले हैं. ऐसे भी ग्रामीण हैं जिन पर पांच से दस मुकदमे चल रहे हैं. जब भी क्षेत्र में कोई संघर्ष होता है तो पुलिस हमें उठा लेती है, परेशान करती है और फिर छोड़ देती है. यह तब से चल रहा है जब से हमने अपने जल, जंगल, ज़मीन के लिए लड़ना शुरू किया है.”

कल्याणसिंहपुर के अंतर्गत लखपदर के एक ग्रामीण दिनजा जकसिका ने कहा कि पुलिस ने अतीत में आदिवासियों के खिलाफ सभी मामलों को बंद करने का आश्वासन दिया था लेकिन अब तक कोई वादा नहीं किया है.

यह आरोप लगाते हुए कि वे माओवादियों और पुलिस के बीच फंसे हुए हैं, आदिवासियों ने कहा कि कोई भी सरकारी प्राधिकरण उनके पक्ष में खड़ा नहीं है. यही कारण है कि उन्होंने तब तक चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं.

कल्याणसिंहपुर के एक ग्रामीण जोगेंद्र वडाका ने कहा कि इसके अलावा नियमगिरि पहाड़ी के ऊपर कई गांव हैं जहां अभी भी बिजली नहीं है, जिससे हमारे दैनिक जीवन और हमारे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है.

ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं. ओडिशा में कुल चार चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण के लिए 13 मई को मतदान होगा तो वहीं दूसरे चरण के लिए 20 मई को मतदान होगा. तीसरे चरण के लिए 25 और चौथे चरण के लिए 1 जून को मतदान होगा. जबकि नतीजे लोकसभा चुनाव के साथ 4 जून को आएंगे.

डोंगरिया कोंध जनजाति

डोंगरिया कोंध जनजाति नियमगिरि पहाड़ियों के घने जंगलों में रहती है, जो दक्षिण-पश्चिमी ओडिशा के रायगडा और कालाहांडी जिलों में फैली हुई है. संख्या के तौर पर देखा जाए तो डोंगरिया कोंध ओडिशा की 62 जनजातियों में सबसे बड़ी है. वे अपने प्रसिद्ध मेरिया त्योहार, अपने रंगीन पोशाक और कुवी (एक द्रविड़ बोली) नामक अपनी अलग भाषा के लिए जाने जाते हैं.

वे इलाके की वनस्पतियों और जीवों के बारे में गहन जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ प्रकृतिवादी है. रायगडा जिले के सुरम्य पहाड़ी इलाकों में लगभग 10,200 डोंगरिया कोंध 2,300 घरों में रहते हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments