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तमिलनाडु: एरिमलाई और अलाकट्टु तक सड़क बनाने की मांग तेज़

बरसात में कट जाते हैं एरिमलाई और अलाकट्टु गांव, ग्रामीण बोले – सड़क बने तो शिक्षा और इलाज की राह आसान हो.

तमिलनाडु के धर्मपुरी ज़िले के पेनागरम ब्लॉक में बसे एरिमलाई और अलाकट्टु गांव आज भी बाकी दुनिया से कटे हुए हैं.

यह गांव आदिवासी बहुल हैं और यहां तक पहुंचना बेहद मुश्किल है. गांव के लोग कई वर्षों से सड़क की मांग कर रहे हैं.

सींगाडु से एरिमलाई तक की दूरी लगभग सात किलोमीटर है और वहां से अलाकट्टु तक तीन किलोमीटर और जाना पड़ता है.

फिलहाल यह रास्ता कच्चा है और बरसात में यहां दोपहिया वाहन तक नहीं जा पाते.

गर्मियों में लोग किसी तरह से बाइक से गांव पहुंचते हैं लेकिन बारिश होते ही गांव पूरी तरह अलग-थलग पड़ जाता है.

एरिमलाई के रहने वाले आदिवासी बताते हैं कि ये दोनों गांव धर्मपुरी ज़िले के सबसे अलग-थलग बसे इलाकों में आते हैं.

पिछले एक दशक से यहां के लोग बार-बार प्रशासन से सड़क की मांग कर रहे हैं.

आदिवासियों ने बताया कि उन्हें हाल ही में पता चला कि सड़क बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

उन्होंने बताया कि ब्लॉक और वन विभाग के अधिकारी उन्हें आश्वासन दे चुके हैं.

लेकिन अब मंत्रालय से मंजूरी मिलने में देरी होने के कारण काम नहीं हो रहा है.

ग्रामीण आदिवासियों ने प्रशासन से जल्दी कार्रवाई करने की अपील की है.

अलाकट्टु गांव के एस. पसुवप्पा ने कहा कि सड़क न होने से बच्चों की पढ़ाई और लोगों की सेहत दोनों पर असर पड़ रहा है.

इलाज के लिए समय पर अस्पताल तक पहुंचना नामुमकिन हो जाता है. बारिश के दिनों में हालात और बिगड़ जाते हैं.

दरअसल, दो साल पहले धर्मपुरी प्रशासन और वन विभाग ने सड़क बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी.

सर्वे किया गया, ज़रूरी रिपोर्ट तैयार की गई और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से मंजूरी के लिए आवेदन भी भेजा गया. लेकिन अब तक अनुमति नहीं मिली है.

पलाकोट के वन रेंजर एस. कार्तिकेयन ने बताया कि वन विभाग ने सारी ज़रूरी जानकारी जमा कर दी है और आवेदन ‘पारिवेश’ पोर्टल पर डाला जा चुका है.

वहीं, पेनागरम ब्लॉक कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि दो चरण की मंजूरी मिल चुकी है लेकिन अभी अंतिम मंजूरी का इंतज़ार है. जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी, सड़क का निर्माण शुरू हो जाएगा.

जानकारी के अनुसार, इस परियोजना के लिए करीब 4.81 हेक्टेयर वन भूमि की ज़रूरत होगी और यहां सात मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी.

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क बन जाने से बच्चों की शिक्षा, बीमारों का इलाज और रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करने में बहुत आसानी होगी.

आदिवासी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार उनकी दशकों पुरानी मांग को अब और न टाले और जल्द से जल्द एरिमलाई और अलाकट्टु तक सड़क का निर्माण शुरू करवाए.

(Image is for representation purpose only.)

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