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ताई आहोम का गुवाहाटी में प्रदर्शन, ST दर्जा और स्वायत्त परिषद की मांग

ताई आहोम समुदाय ने सरकार से अनुसूचित जनजाति दर्जा देने की मांग की. स्वायत्त परिषद की स्थापना की भी अपील की गई.

असम के गुवाहाटी में ताई आहोम युवा परिषद ने सरकार से अपनी एक खास मांग को लेकर प्रदर्शन किया.

वे चाहते हैं कि ताई आहोम समुदाय को “अनुसूचित जनजाति” (Scheduled Tribe) का दर्जा दिया जाए और उनके लिए एक स्वायत्त परिषद बनाई जाए.

इससे उनकी पहचान और अधिकार सुरक्षित होंगे.

ताई आहोम समुदाय असम का एक पुराना और महत्वपूर्ण समुदाय है.

करीब 600 साल पहले, अहोम राजवंश ने असम पर शासन किया था.

उस समय इस समुदाय का बड़ा सम्मान था. लेकिन समय के साथ उनकी स्थिति कमजोर होती गई और आज वे सही अधिकार और सम्मान नहीं पा रहे हैं.

इसी कारण वे सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की उम्मीद रखते हैं.

पिछले कई सालों से ताई आहोम युवा परिषद और इस समुदाय के दूसरे संगठन अपनी आवाज उठाते आ रहे हैं.

वे चाहते हैं कि सरकार उनकी पहचान को मान्यता दे और उन्हें ऐसे अधिकार मिले, जो अन्य जनजातियों को मिलते हैं.

उनके लिए एक स्वायत्त परिषद बनाना भी जरूरी है, ताकि वे अपने सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक मामलों को खुद संभाल सकें.

असम सरकार ने कहा था कि वे इस बारे में सोचेंगे, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं दिखा है.

इसलिए इस समुदाय में असंतोष बढ़ गया है और वे अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं.

यह प्रदर्शन ताई आहोम समुदाय की अपने अधिकारों और पहचान के लिए लड़ाई का हिस्सा है.

वे चाहते हैं कि सरकार उनकी बात सुने और उन्हें उचित दर्जा दे.

अगर उनकी मांगें पूरी हो जाएं, तो इससे न सिर्फ ताई आहोम समुदाय को फायदा होगा, बल्कि असम की सांस्कृतिक विविधता और भी मजबूत होगी.

इस तरह के आंदोलनों से साफ होता है कि ताई आहोम लोग अपनी भाषा, संस्कृति और पहचान को बचाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं.

वे सरकार से न्याय और सम्मान की उम्मीद रखते हैं.

उनका संघर्ष यह दिखाता है कि वे अपनी जगह पाने के लिए कितने गंभीर हैं और वे हार नहीं मानेंगे. वे हार नहीं मानेंगे.

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