HomeAdivasi DailyJMM विधायक पर चुनाव में फर्ज़ी पहचान के इस्तेमाल के आरोप

JMM विधायक पर चुनाव में फर्ज़ी पहचान के इस्तेमाल के आरोप

विधायक दशरथ गगराई की पहचान की प्रामाणिकता को चुनौती देने वाली शिकायत के बाद झारखंड सीईओ ने जांच के आदेश दिए.

झारखंड की खरसवां विधानसभा सीट से 2024 में लगातार तीसरी बार जीतने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नेता दशरथ गगराई फिलहाल सवालों के घेरे में हैं. उन पर चुनाव में गलत पहचान बताने के आरोप लग रहे हैं.

झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer) के रविकुमार ने इस मामले में सरायकेला-खरसवां के उपायुक्त (Deputy Commissioner) को इन दावों के जाँच के आदेश दिए हैं.

क्या है पूरा मामला

यह विवाद एक शिकायत से शुरू हुआ. पूर्व सैनिक लालजी राम टियु ने 28 जुलाई 2025 को एक लिखित शिकायत दी थी. इसके बाद 18 सितंबर को हस्ताक्षर किए हुए एफिडेविट के साथ दोबारा शिकायत की गई.

टियु का दावा है कि मौजूदा विधायक दशरथ गगराई असल में उनके बड़े भाई रामकृष्ण गगराई हैं.

उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति “दशरथ गगराई” के नाम से चुनाव जीत रहा है, वह वास्तव में असली दशरथ नहीं है.

टियु ने अपने निजी अनुभव, दस्तावेजों और सरकारी रिकॉर्ड के आधार पर यह आरोप लगाने का बात कही. उन्होंने विधायक की पहचान, वोटर आईडी और चुनावी हलफनामों की जांच की मांग की.

सीईओ का आदेश और चुनावी प्रक्रिया

सीईओ के. रविकुमार ने इस शिकायत को उपायुक्त के पास भेजते हुए जांच के लिए कहा है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव के बाद विधायक से जुड़े चुनावी विवादों का अंतिम फैसला राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में आता है.

वहीं सांसदों के मामलों में राष्ट्रपति का हस्तक्षेप ज़रूरी होता है. क्योंकि नवंबर 2024 में चुनाव परिणाम घोषित हुए हैं. ऐसे में यह जांच समयबद्ध तरीके से पूरी करनी होगी.

विधायक का जवाब

दशरथ गगराई ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.

उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित हैं.  

गगराई का कहना है कि 2009 से लेकर अब तक वे लगातार चुनाव लड़ते रहे हैं और हर बार उनके हलफनामों की जांच हुई है लेकिन कभी कोई गड़बड़ी नहीं मिली.

उन्होंने आरोप लगाने वाले लालजी राम टियु पर पलटवार करते हुए कहा कि टियु खुद एक बलात्कार के मामले में जमानत पर हैं और अक्सर वे अपनी कानूनी परेशानियों से ध्यान हटाने के लिए अधिकारियों को निशाना बनाते रहते हैं.

खरसवां सीट और जनसांख्यिकी

खरसवां विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है.

यह इलाका झारखंड के सरायकेला-खरसवां ज़िले में आता है और यहां आदिवासी आबादी काफी बड़ी संख्या में रहती है.

2011 की जनगणना के अनुसार, सरायकेला-खरसवां ज़िले की कुल आबादी में लगभग 35 प्रतिशत लोग अनुसूचित जनजाति से आते हैं.

खरसवां क्षेत्र में मुंडा, हो, संथाल आदिवासी समुदायों का वर्चस्व है.

झारखंड में नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में जेएमएम को 34 और कांग्रेस को 16 सीट मिली थी.

खरसवां सीट पर दशरथ गगराई की जीत ने इस गठबंधन को मज़बूती दी थी.

यह विवाद गगराई की साख को तो चुनौती दे ही रहा है. लेकिन अगर यह मामला और गहराया तो  राज्य की सत्तारूढ़ सरकार के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है.

यहां की राजनीति में आदिवासी पहचान और अधिकार अहम मुद्दा रहे हैं. इसलिए इस तरह का विवाद स्थानीय राजनीति को गहराई से प्रभावित कर सकता है.

Image credit – Abp live

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