तेलंगाना के मेडक ज़िले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है. यहां एक आदिवासी महिला के साथ बेरहमी से मारपीट और रेप करके उसे बेहोशी की हालत में छोड़ दिया गया.
महिला को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही महिला ने दम तोड़ दिया.
यह दुष्कर्म कुलचरण मंडल थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुआ.
क्या है पूरा मामला
पुलिस के अनुसार, महिला शुक्रवार सुबह काम की तलाश में मेडक शहर गई थी.
शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि कुछ लोग मज़दूरी के काम के बहाने उसे अपने साथ ले गए थे. इसके बाद वह घर नहीं लौटी.
शनिवार सुबह स्थानीय लोगों ने उसे निर्वस्त्र, बेहोशी की हालत में एदुपायला वनदुर्गा मंदिर के पास एक निर्माणाधीन इमारत के खंभे से बंधा हुआ पाया.
वह गंभीर रूप से घायल थी, उसके शरीर पर चोटों के निशान थे. लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी.
पुलिस फिलहाल यह जांच कर रही है कि उसे मज़दूरी का काम देने के लिए ले जाने वाले लोगों ने ही इस वारदात को अंजाम दिया या इस अपराध में कोई और शामिल था.
जांच अधिकारी के अनुसार, अपराध स्थल की पुन: जांच की जा रही है और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि घटनाक्रम साफ़ हो सके.
रास्ते में तोड़ा दम
कुलचरण थाना पुलिस महिला को पहले मेडक एरिया अस्पताल लेकर गई.
वहां डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत नाजुक है और उसे हैदराबाद के गांधी अस्पताल भेजने की सलाह दी. लेकिन हैदराबाद पहुंचने से पहले ही रास्ते में उसकी मौत हो गई.
मेडक रूरल इंस्पेक्टर एम. जॉर्ज ने बताया कि महिला को शुक्रवार रात ही खंभे से बांधा गया होगा.
मौके से मिला आधार कार्ड देखकर पुलिस ने उसकी पहचान की.
पांच बच्चों की मां थी पीड़िता
पीड़िता एक दिहाड़ी मज़दूर थी और रोज़ काम की तलाश में शहर जाया करती थी.
वह करीब 35 साल की थी और कुलचरण मंडल के एक आदिवासी बस्ती में रहती थी. उसके पांच बच्चे हैं.
शुक्रवार रात जब वह घर नहीं लौटी तो परिवार वालों ने उसकी खोज शुरू की.
बाद में पुलिस ने उन्हें घटना की जानकारी दी. पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया.
मामला अब हत्या और रेप में बदला
शुरुआत में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64 (बलात्कार) के साथ धारा 109 (हत्या की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया था. लेकिन महिला की मौत के बाद इसे धारा 103 (हत्या) में बदल दिया गया.
पुलिस ने कहा है कि आरोपियों की तलाश के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं.
कुलचरण पुलिस ने बताया कि अनुसूचित जनजाति (ST) से संबंधित मामलों में एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम तभी लागू होता है जब यह साबित हो कि अपराध जातिगत वजह से किया गया है.
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