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प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड के आदिवासी संस्थान के सुधार की केद्रं से मांग की

प्रियंका गांधी ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर वायनाड के आदिवासी अध्ययन संस्थान के उन्नयन की अपील की है. उन्होंने कहा कि यह संस्थान आदिवासी छात्रों की शिक्षा और संस्कृति के संरक्षण में अहम भूमिका निभाता है.

वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने केरल के वायनाड जिले में स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ ट्राइबल   स्टडीज एंड रिसर्च (Institute of Tribal Studies and Research) को बेहतर बनाने की मांग की है.

उन्होंने इसके लिए केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा.  

प्रियंका गांधी ने पत्र में कहा कि यह संस्थान आदिवासी छात्रों की शिक्षा और शोध के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसे उन्नत सुविधाओं के साथ मजबूत किया जाना चाहिए.

प्रियंका गांधी ने अपने पत्र में बताया कि कालीकट विश्वविद्यालय ने इस संस्थान के विकास और नवीनीकरण के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है.

इस योजना में संस्थान के बुनियादी ढांचे को सुधारने, नए कोर्स और प्रोग्राम शुरू करने और एक करियर एडवांसमेंट और ट्रेनिंग सेंटर बनाने की बात शामिल है.

उनका कहना है कि इस योजना को जल्दी लागू करना बहुत जरूरी है ताकि आदिवासी छात्रों को बेहतर शिक्षा और प्रशिक्षण मिल सके.

वायनाड के आदिवासी समुदाय के लिए यह संस्थान बहुत महत्वपूर्ण है. वायनाड में केरल के सबसे ज्यादा आदिवासी रहते हैं.

इस संस्थान का उद्देश्य आदिवासी संस्कृति और ज्ञान को संरक्षित करना और उसे बढ़ावा देना है.

प्रियंका गांधी ने अपने पत्र में कहा कि जब राहुल गांधी 2022 में वायनाड के सांसद थे, तब उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था.

इसके बाद यह मामला शिक्षा मंत्रालय को भेजा गया था. 2023 में राहुल गांधी ने फिर से इसे संसद में उठाया था.

उस समय मंत्री ने कहा था कि जनजातीय कार्य मंत्रालय से फंड मिलने की संभावना देखी जाएगी.

प्रियंका गांधी ने केंद्रीय मंत्री से अपील की है कि इस मामले में जल्दी हस्तक्षेप करें और इस संस्थान को आवश्यक संसाधन प्रदान किए जाएँ.

उन्होंने कहा कि यह संस्थान केवल शिक्षा का केंद्र नहीं है, बल्कि आदिवासी संस्कृति और परंपरा को भी संरक्षित करता है.

आदिवासी समुदाय के बच्चों को इस संस्थान से अच्छी शिक्षा और प्रशिक्षण मिल सकता है.

इस संस्थान के विकास के लिए प्रस्ताव में कई बातें शामिल हैं.

इसमें 10 एकड़ क्षेत्र में कैंपस का नवीनीकरण, नए कोर्स शुरू करना, बुनियादी ढांचे का विस्तार और एक करियर ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना शामिल है.

इससे आदिवासी छात्रों को पढ़ाई और करियर के नए अवसर मिलेंगे.

साथ ही, यह संस्थान उनके ज्ञान और संस्कृति को संरक्षित करने में भी मदद करेगा.

प्रियंका गांधी के इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि वे वायनाड के आदिवासी समाज के शिक्षा और विकास के लिए गंभीर हैं.

उनका यह प्रयास न केवल वायनाड बल्कि पूरे केरल में आदिवासी समुदायों के लिए एक सकारात्मक संदेश है.

इससे यह भी पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी आदिवासी शिक्षा और संस्कृति को महत्व देती है.

विशेषज्ञों का कहना है कि वायनाड का यह संस्थान आदिवासी छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए बहुत जरूरी है.

अगर इसे उन्नत सुविधाएँ मिलती हैं, तो यह संस्थान और अधिक प्रभावशाली बन जाएगा.

प्रियंका गांधी की पहल से उम्मीद है कि केंद्रीय मंत्री इस मामले पर जल्दी ध्यान देंगे और आदिवासी समुदाय को लाभ पहुंचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे.

प्रियंका गांधी का यह कदम आदिवासी शिक्षा और संस्कृति के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है.

वायनाड के आदिवासी छात्रों को इससे बेहतर अवसर मिलेंगे, और उनके ज्ञान और संस्कृति को संरक्षित करने में मदद मिलेगी.

यह संस्थान आदिवासी समाज के लिए एक नई दिशा और उम्मीद की किरण साबित हो सकता है.

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