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कांग्रेस की व्यवस्थागत उपेक्षा ने आदिवासियों को 60 वर्षों तक वंचित रखा: PM मोदी

प्रधानमंत्री ने जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा किआदिवासियों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बहुत बड़ा योगदान दिया, अनगिनत विद्रोहों का नेतृत्व किया और अपना खून बहाया. फिर भी उन्हें दशकों तक घोर अन्याय सहना पड़ा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में (15 नवंबर, 2025) कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर देश के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद, अपने 60 वर्षों के शासनकाल में उनकी उपेक्षा करने का आरोप लगाया.

पीएम ने कांग्रेस पर आदिवासियों के कल्याण और उत्थान की जानबूझकर उपेक्षा करने और आजादी के बाद से इस समुदाय को दशकों तक अभाव में छोड़ देने का आरोप लगाया.

दरअसल, पीएम मोदी ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर गुजरात के नर्मदा जिले के डेडियापाडा में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया और इसी दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर आदिवासी समुदायों की उपेक्षा का आरोप लगाया.

पीएम ने कहा कि आदिवासी समुदाय ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी लेकिन स्वतंत्रता के बाद उनके योगदान को पर्याप्त मान्यता नहीं मिली.

उन्होंने कहा, “आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को नज़रअंदाज़ कर दिया गया ताकि इसका श्रेय कुछ परिवारों को दिया जा सके.”

उन्होंने गोविंद गुरु, राजा रूपसिंह नायक, मोतीलाल तेजावत और दशरीबेन चौधरी जैसे गुजरात के आदिवासी नेताओं के कार्यों पर प्रकाश डाला और कहा कि “स्वतंत्रता संग्राम के कई अध्याय आदिवासी गौरव और वीरता से सुशोभित हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “हम स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी समुदायों के योगदान को नहीं भूल सकते और यह काम आज़ादी के बाद ही होना चाहिए थी.”

उन्होंने दावा किया कि बिरसा मुंडा को “2014 से पहले याद नहीं किया गया” और कहा कि वे मुंडा के घर जाने वाले पहले प्रधानमंत्री थे.

इस कार्यक्रम में बिरसा मुंडा के परिवार के सदस्य मंच पर मौजूद थे.

पीएम मोदी ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन “आदिवासी समुदायों के साथ हुए अन्याय” को याद करने का अवसर प्रदान करता है.

उन्होंने आरोप लगाया कि “कांग्रेस सरकारों ने कुपोषण, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, शिक्षा और कनेक्टिविटी में कमियों पर आवश्यक कार्रवाई नहीं की.”

पीएम ने कहा, “छह दशकों तक शासन करने वालों को यह एहसास ही नहीं हुआ कि इतने बड़े आदिवासी समुदाय के विकास के लिए कुछ किया जाना ज़रूरी है.”

प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि भाजपा सरकार वर्षों से चले आ रहे अन्याय को समाप्त करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि आदिवासियों को विकास का लाभ मिले.

उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी कल्याण भाजपा की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और हमने इस अन्याय को समाप्त करने का संकल्प लिया है.

वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा जनजातीय मामलों के लिए एक अलग मंत्रालय बनाने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने दावा किया कि “जब वाजपेयी के बाद कांग्रेस सत्ता में वापस आई, तो उन्होंने अगले 10 वर्षों तक आदिवासी समुदाय की उपेक्षा की.

उन्होंने कहा, “अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार आदिवासी मामलों के लिए एक अलग मंत्रालय का गठन किया गया था. हालांकि, जब कांग्रेस ने 10 साल (2024 से 2014 तक) शासन किया तो उन्होंने इस मंत्रालय के प्रति घोर उपेक्षा दिखाई और नाममात्र की धनराशि आवंटित की. यह धनराशि केवल कुछ करोड़ रुपये में थी, जो एक ज़िले के विकास के लिए भी अपर्याप्त थी.”

9,700 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन

जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर गुजरात के एक दिवसीय दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने विभिन्न बुनियादी ढाँचे और विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया, जिनकी कुल लागत 9,700 करोड़ से अधिक है.

इस प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों में, विशेष रूप से सिकल सेल रोग के लिए चिकित्सा सेवाओं का विस्तार किया है, जो आदिवासी आबादी को असमान रूप से प्रभावित करता है.

उन्होंने कहा, “सिकल सेल रोग से निपटने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है और इस पहल के तहत, देश भर के 6 करोड़ आदिवासी भाई-बहनों की जाँच की जा चुकी है.”

EMRS के लिए 18,000 करोड़ से अधिक आवंटित

इसके अलावा आदिवासी युवाओं के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा, “जब उन्हें अवसर दिए जाते हैं तो वे हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने की शक्ति रखते हैं. उनका साहस और कड़ी मेहनत परंपरा में निहित है.”

उन्होंने मैरी कॉम, थोनाकल गोपी, दुती चंद और बाईचुंग भूटिया के साथ-साथ प्रमुख खेल आयोजनों में आदिवासी एथलीटों की बढ़ती उपस्थिति के बारे में चर्चा की.

उन्होंने कहा कि भारत की महिला क्रिकेट टीम ने हाल ही में विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया है और आदिवासी समुदाय की एक बेटी ने उस जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी क्षेत्रों में नई प्रतिभाओं की पहचान और उन्हें समर्थन देने के लिए काम कर रही है और इन क्षेत्रों में खेल के बुनियादी ढांचे का विस्तार कर रही है.

पीएम मोदी ने कहा, “सरकार आदिवासी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए दिन-रात काम कर रही है. पिछले पाँच-छह वर्षों में ही केंद्र सरकार ने देश भर में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के लिए 18 हज़ार करोड़ से अधिक आवंटित किए हैं. छात्राओं के लिए स्कूलों में आवश्यक सुविधाएँ प्रदान की गई है.जिससे इन स्कूलों में दाखिला लेने वाले आदिवासी बच्चों की संख्या में 60 फीसदी की वृद्धि हुई है.”

(Image credit: PTI)

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