भारी बारिश के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कोकराझार जिले के चंद्रपारा मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया.
यह कार्यक्रम बीजेपी की विजय संकल्प सभा के तहत बोनोरगांव बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (BTC) क्षेत्र में आयोजित हुआ. इस कार्यक्रम का मकसद आगामी बीटीसी चुनाव से पहले जनता से सीधा संवाद करना था.
सभा में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप सैकिया, मंत्री अशोक सिंघल और कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
बीटीसी में विकास और योजनाओं की पहुंच पर सवाल
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि बीटीआर (बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन) में कई लोग अभी भी सरकारी योजनाओं से वंचित हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि फिलहाल ज़्यादातर लाभ विलेज काउंसिल डेवलपमेंट कमेटियों (VCDC) के जरिए ही पहुंच रहा है. इस वजह से भ्रष्टाचार की संभावना बढ़ जाती है.
सरमा का कहना था कि इस व्यवस्था में सुधार की जरूरत है.
हालांकि, विपक्षी दल पहले से ही आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा सरकार बीटीसी में सत्ता पाने के लिए विकास के नाम पर सिर्फ वादे कर रही है.
जनजातीय बेल्ट और ब्लॉक पर बयान
मीडिया से बातचीत में, मुख्यमंत्री सरमा ने दिलीप सैकिया के छठी अनुसूची और ट्राइबल बेल्ट व ब्लॉक पर दिए बयान को लेकर हुए विवाद पर भी जवाब दिया.
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि भाजपा जनजातीय विरोधी नहीं है.
उन्होंने कहा कि सरकार 600 गांवों में माइक्रो ट्राइबल बेल्ट और ब्लॉक बनाने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है.
साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि मौजूदा ट्राइबल बेल्ट और ब्लॉक व्यवस्था को खत्म करने का कोई इरादा नहीं है.
गौरतलब है कि आठ दिन पहले ही सरमा ने कहा था कि छठी अनुसूची के क्षेत्र और ट्राइबल बेल्ट व ब्लॉक की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा.
उन्होंने तिराप, मोरान और मोटोक समुदायों के उदाहरण देते हुए बताया था कि राज्य सरकार ने परामर्श के बाद भूमि अधिकार दिए हैं.
स्वास्थ्य योजनाओं पर सफाई
जनसभा में सीएम ने स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े हालिया विवादों पर भी बात की.
कैंसर इलाज के लिए 10,000 रुपये अग्रिम राशि की खबर को उन्होंने एक गलती बताया और कहा कि जनता को कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं करना होगा.
आयुष्मान भारत और आयुष्मान असम योजनाओं के तहत सभी खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.
बीटीसी चुनाव नजदीक आने के साथ ही बोडोलैंड क्षेत्र में सभी दल अपनी स्थिति मजबूत करने में लगे हैं.
बीजेपी जहां विकास और जनजातीय अधिकारों को मुद्दा बना रही है, वहीं विपक्षी दल सरकार पर चुनावी वादों और ज़मीनी हकीकत में अंतर का आरोप लगा रहे हैं.