इस वर्ष भारत में “भारत पर्व 2025” का आयोजन 1 से 15 नवंबर तक किया जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी घोषणा की.
यह पर्व विशेष रूप से सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जन्म-जयंती के अवसर पर मनाया जाएगा.
इसका उद्देश्य देश में एकता और भाईचारे की भावना को मजबूत करना है और युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना को जगाना है.
अमित शाह ने बताया कि इस वर्ष पहली बार 31 अक्टूबर को गुजरात के एकता नगर में भव्य परेड आयोजित की जाएगी.
इस परेड में केंद्रीय अर्धसैनिक बल, राज्य पुलिस बल और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होंगे.
परेड का मकसद केवल समारोह नहीं है, बल्कि देश में एकता और विविधता की झलक दिखाना है.
अमित शाह ने कहा कि इस परेड में हर राज्य और समाज की सांस्कृतिक पहचान दिखाई जाएगी और यह भारत की विविधता और ताकत का प्रतीक होगा.
सरदार पटेल ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी. स्वतंत्र भारत को एक सूत्र में बांधने और अलग-अलग रियासतों को एक साथ जोड़ने में उनका योगदान अतुलनीय रहा.
अमित शाह ने कहा कि देश के निर्माण में उनके प्रयासों को हमेशा याद किया जाना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने समय पर उन्हें वह सम्मान नहीं दिया, जो उन्हें मिलना चाहिए था.
भारत पर्व के माध्यम से अब उनकी भूमिका और योगदान को पूरे देश के सामने लाया जाएगा.
भारत पर्व का आयोजन 1 से 15 नवंबर तक रहेगा.
इस दौरान देशभर में विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ होंगी. लोकनृत्य और संगीत कार्यक्रम होंगे.
विभिन्न प्रकार के भोजन प्रदर्शनों के जरिए देश की विविध संस्कृति दिखाई जाएगी.
इस वर्ष 15 नवंबर को आदिवासी नायक बिरसा मुंडा की जयंती भी मनाई जाएगी.
इस कार्यक्रम में आदिवासी और जनजातीय समुदायों की भागीदारी विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगी. उनके लोकनृत्य, संगीत, कला और भोजन प्रदर्शनों को मंच मिलेगा.
आदिवासी युवा विभिन्न सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में भाग लेंगे ताकि उनकी प्रतिभा और परंपराएँ पूरे देश के सामने आएँ.
बिरसा मुंडा एक प्रमुख आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें खासकर मुंडा समुदाय और झारखंड क्षेत्र के आदिवासियों के बीच “धर्म सरदार” के रूप में जाना जाता है.
उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड में हुआ था.
उन्होंने अंग्रेज़ों के खिलाफ साहसिक संघर्ष किया और अपने आदिवासी समुदाय के अधिकारों और जमीन की रक्षा के लिए आंदोलन चलाया.
बिरसा मुंडा ने न केवल जमीन पर कब्ज़े के खिलाफ विरोध किया, बल्कि अपने लोगों को सामाजिक और धार्मिक रूप से भी जागरूक किया.
उनकी जयंती 15 नवंबर को मनाई जाती है और “भारत पर्व 2025” के आयोजन में भी इसे विशेष रूप से आदिवासी समुदाय के योगदान को सम्मान देने और उनकी संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए शामिल किया गया है.
उनके जीवन और संघर्ष को याद कर देशभर में आदिवासी युवा अपनी पहचान और परंपराओं पर गर्व महसूस कर सकते हैं.
यह दर्शाता है कि भारत की विविधता और शक्ति में आदिवासी समुदाय का योगदान अहम है और उनके अनुभव और संस्कृति राष्ट्रीय एकता का हिस्सा हैं.
अमित शाह ले बताया की यह आयोजल केवल एक उत्सव नहीं हैं बल्की युवाओं मे एकता देशभक्ति और सामाजिक सद्भाव की भावना को बढ़ाने का माध्यम है.
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से देशभर में लोग सरदार पटेल के योगदान और उनके आदर्शों को जानेंगे और याद रखेंगे.
यह पर्व देश की संस्कृति, इतिहास और विविधता को भी उजागर करेगा.
भारत पर्व का स्वरूप इस बार विशेष होगा. इसे केवल एक दिन का समारोह नहीं बनाया गया है, बल्कि 15 दिनों तक चलने वाला एक बड़ा कार्यक्रम होगा.
विभिन्न राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, जिलों और सामाजिक संस्थाओं में कार्यक्रम आयोजित होंगे. स्कूल और कॉलेज भी इसमें भाग लेंगे.
कार्यक्रम का उद्देश्य केवल उत्सव मनाना नहीं है, बल्कि युवाओं और नागरिकों में राष्ट्रीय एकता और भाईचारे की भावना को मजबूत करना है.
सरदार पटेल की जयंती पर आयोजित यह कार्यक्रम नए जोश और उत्साह के साथ होगा. इसमें सभी राज्यों की सांस्कृतिक विविधता दिखाई जाएगी.
आदिवासी और जनजातीय समुदाय विशेष रूप से शामिल होंगे.
उनके द्वारा प्रस्तुत कला, संगीत और परंपरा पूरे देश को प्रेरित करेगी.
यह आयोजन देश की एकता और संस्कृति का प्रतीक बनेगा.

 
                                    