HomeAdivasi Dailyकर्नाटक: आदिवासी फंड में गबन के खिलाफ़ बीजेपी का प्रदर्शन

कर्नाटक: आदिवासी फंड में गबन के खिलाफ़ बीजेपी का प्रदर्शन

कर्नाटक में आदिवासी कल्याण बोर्ड में करोड़ों रुपये की हेराफेरी एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन रहा है.

भाजपा के कर्नाटक राज्य अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र और विपक्ष के नेता आदिवासी कल्याण बोर्ड मामले में आज यानि 3 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने वाले थे.

वे बुधवार सुबह विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन इससे पहले वे मुख्यमंत्री आवास पहुंचते कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु के कुमार कृपा गेस्ट हाउस से उन्हें हिरासत में ले लिया.   

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र और विपक्ष के नेता आर अशोक के साथ कई भाजपा नेताओं को बुधवार सुबह यानि आज हिरासत में ले लिया गया है.

वे जनजातीय विकास बोर्ड और मैसूर शहरी विकास अधिकार (Mysuru Urban Development Authority) में हुई गड़बडी को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग कर रहे थे.

बीजेपी ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके वरिष्ठ नेताओं को भी घसीटकर बस में बंद कर दिया.

भाजपा नेताओं ने विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के विरोध प्रदर्शन की इजाज़त न देने के फैसले से ये साबित हो जाता है कि इस घोटालों में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का भी हाथ है.

पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के दौरान अशोक ने कहा कि MUDA घोटाले में, जिन भूस्वामियों को 15 साइट्स दी जानी थी, उन्हें 20 साइट्स दे दी गईं है और कुछ मामलों में तो अधिकारियों  ने 20 साइट्स की जगह 60 साइट्स तक दे दी हैं. उनका कहना है कि सरकार द्वारा खुली लूट चल रही है.

भाजपा नेता ने एआईसीसी महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला को घेरा और कहा कि रणदीप सुरजेवाला ने कर्नाटक को एक “मॉडल राज्य” कहा था. लेकिन यह एक “लूट मॉडल” है.

अशोक ने कहा कि भाजपा ने पहले भी आदिवासी कल्याण घोटाले में एक मंत्री को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया था. उन्होंने कहा कि जब तक कांग्रेस सरकार का एक और मंत्री इस्तीफा नहीं देता तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

विजयेंद्र ने कहा कि गरीबों के लिए तय की गई जमीनें कुछ चुनिंदा लोगों को बांट दी गईं, जिससे गरीबों को 10 से 13 साल तक इंतजार करना पड़ा. भाजपा राज्य विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह इसका विरोध करती रहेगी.

भाजपा विधायक अरविंद बेलाड ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति क्यों नहीं दे रहे हैं?

पूर्व गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने मुख्यमंत्री को पिछड़े वर्ग का विरोधी बताया. उन्होंने मुख्यमंत्री पर आदिवासी कल्याण बोर्ड में पिछड़े लोगों के पैसे हड़पने का आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफा देने की मांग की.

बीजेपी ने सीएम पर 4,000 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है और सीबीआई जांच की मांग की है.

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