HomeAdivasi Dailyआदिवासी विकास फंड घोटाले में बड़ी गिरफ़्तारी का दावा

आदिवासी विकास फंड घोटाले में बड़ी गिरफ़्तारी का दावा

गिरफ्तार व्यक्ति तेलंगाना के हैदराबाद का है और उसकी पहचान सत्यनारायण वर्मा के रूप में हुई है. आरोपी के पास से 16 किलोग्राम सोना और 10 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं.

कर्नाटक के आदिवासी कल्याण बोर्ड़ घोटोले में विशेष जांच दल (Special Investigation Team) ने बड़ी कामयाबी हासिल करने का दावा किया है.

SIT ने बताया है कि इस कांड में फ़र्ज़ी बैंक खाते खोलने वाले आरोपी को ग़िरफ़्तार कर लिया गया है.

जाँच दल ने बताया है कि आरोपी के पास से 16 किलोग्राम सोना और 10 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं.

गिरफ्तार व्यक्ति तेलंगाना के हैदराबाद का है और उसकी पहचान सत्यनारायण वर्मा के रूप में हुई है.

आदिवासी कल्याण बोर्ड में हुआ यह घोटाला यहां के निगम अधीक्षक (account superintendent) चंद्रशेखरन की आत्महत्या के बाद सामने आया था.

जब इस आत्महत्या के विभिन्न पहलुओं की जांच की गई तब यह बात सामने आई कि उन पर लगातार अवैध खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर करने का दबाव डाला गया था.

जिन बैंक खातों में सरकारी पैसा भेजा गया था उन खातों की जांच के दौरान, इस घोटाले में आरोपी का हाथ नज़र आया.

पुलिस के अनुसार, इस घोटाले के आरोपियों ने विभिन्न बैंकों में 18 फर्जी खाते खोले थे और कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम से इन अवैध खातों में करीब 87 करोड़ रुपये भेजे गए थे.

प्राप्त जानकारी के अनुसार एसाआईटी की टीम जल्द ही उसे बेंगलुरु ला सकती है.

चंद्रशेखरन ने सुसाइड नोट में लिखा था कि एक मंत्री ने उन्हें मौखिक रूप से निगम के अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया था.

जिसके बाद मामले को लेकर कर्नाटक के युवा सशक्तिकरण, खेल और आदिवासी कल्याण मंत्री बी नागेंद्र ने 6 जून को इस्तीफा दे दिया था.

सुसाइड़ नोट में किस – किस के नाम

चंद्रशेखरन ने अपने सुसाइड नोट में आदिवासी कल्याण बोर्ड़ के एमडी जेजी पद्मनाभ और दो अन्य लोगों अकाउंट ऑफिसर परशुराम दुरुगनवर और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अधिकारी सुचिस्मिता रावल का नाम लिखा था.

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