HomeAdivasi Dailyकांग्रेस ने हेमंत सोरेन-BJP के संभावित गठबंधन की अफवाहों को खारिज किया

कांग्रेस ने हेमंत सोरेन-BJP के संभावित गठबंधन की अफवाहों को खारिज किया

झारखंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर होने की खबरें लगातार आ रही हैं. खबरें भाजपा और मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की नजदीकियों को लेकर हैं. हालांकि, कांग्रेस और जेएमएम की ओर से इस तरह की खबरों पर विराम लगाने के लिए बयान भी आया है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के एनडीए में शामिल होने की खबरें पिछले एक हफ्ते से लगातार चर्चा में हैं.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की हाल ही में दिल्ली में बीजेपी के कुछ सीनियर नेताओं के साथ राज्य में पार्टी के साथ संभावित गठबंधन को लेकर हुई मीटिंग के कयासों के बीच, कांग्रेस पार्टी के नेता और सांसद के.सी. वेणुगोपाल (K.C. Venugopal) ने बुधवार (3 दिसंबर, 2025) को ऐसे किसी भी दावे को गलत बताया और कहा कि INDIA (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस) झारखंड में पूरी तरह से मजबूत है.

सांसद वेणुगोपाल ने बुधवार (3 दिसंबर, 2025) को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “आज झारखंड के CM हेमंत सोरेन जी से बात की. इसमें कोई शक नहीं है कि झारखंड में हमारा INDIA गठबंधन पूरी तरह से मज़बूत, एकजुट है और झारखंड के हर नागरिक की उम्मीदों को दिखाने वाली लोगों पर केंद्रित कल्याणकारी नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.”

वेणुगोपाल ने बढ़ती निराशा और राजनीतिक असुरक्षा से प्रेरित होकर “दक्षिणपंथी ट्रोल नेटवर्क” पर गलत बातें फैलाने और मिलकर अफवाह फैलाने का भी आरोप लगाया.

कांग्रेस नेता ने अपने पोस्ट में कहा, “राइट विंग ट्रोल नेटवर्क जो गलत बातें फैला रहे हैं और मिलकर अफवाहें फैला रहे हैं, वे उनकी बढ़ती निराशा और पॉलिटिकल इनसिक्योरिटी की वजह से है. हम पर इतनी गहरी ट्रोलिंग का कोई असर नहीं होता और वे लोगों के हम पर जताए गए भरोसे को कभी कम नहीं कर सकते. हमारी एकता बनी हुई है, हमारा मकसद साफ है और हमारा गठबंधन पहले से कहीं ज़्यादा मज़बूत है.”

इससे पहले झारखंड के राजनीतिक हलकों में यह अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन हाल ही में दिल्ली गए थे और बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं से मिले थे और राज्य में सत्ता के संभावित बदलाव पर बातचीत की थी.

वहीं झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता अमित शाह के साथ मीटिंग की.

हालांकि, पटना में बीजेपी के प्रवक्ता अजय आलोक ने ऐसे किसी भी दावे को गलत बताते हुए कहा, “बीजेपी को ऐसे किसी अरेंजमेंट की ज़रूरत नहीं है.”

अजय आलोक ने मीडिया वालों को यह भी बताया कि उन्हें हेमंत सोरेन की किसी भी वरिष्ठ बीजेपी नेता के साथ ऐसे किसी मुद्दे पर मीटिंग के बारे में पता नहीं है.

सोशल मीडिया पर आलोक के हालिया पोस्ट ने भी इस बात के कयासों को हवा दी थी कि झारखंड में सत्ता में बदलाव हो सकता है.

JMM ने भी अटकलों पर लगाया विराम

वहीं जेएमएम ने भी इस मामले पर अपना रुख साफ करते हुए किसी भी संभावना से इनकार कर दिया.

इन अटकलों को विराम लगाते हुए मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे को निजी बताते हुए झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा का काम सिर्फ साजिश रचना है. इस बार भी वह यही कर रही है.

लेकिन झामुमो के तीन शब्दों ‘झारखंड झुकेगा नहीं’ मात्र से न सिर्फ अफवाहों पर विराम लग गया बल्कि भाजपा को सशक्त संदेश भी मिल गया. राज्य की जनता सब देख और समझ रही है. भाजपा को जनादेश का अपमान करने से बाज आना चाहिए और सकारात्मक राजनीति करनी चाहिए.

इसके बाद झामुमो यूथ विंग ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा ‘हेमंत सोरेन नाम ही काफ है. संघर्ष से सीखा है, सेवा से जीता है और न्याय के लिए लड़ना आता है.’

इस सबके बीच भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि भाजपा और झामुमो नदी नहीं समुद्र के दो अलग-अलग किनारे हैं. दोनों का मेल कभी नहीं हो सकता. भविष्य में साथ आने की कोई संभावना नहीं है. झामुमो नेतृत्व वाली सरकार तुष्टीकरण करती है.

क्या है पूरा मामला?

मुख्यमंत्री सोरेन 28 नवंबर की देर शाम दिल्ली गए थे. इसी बीच सोशल मीडिया पर उनके दौरे को लेकर कई अटकलें तेज़ हो गईं. मुख्यमंत्री और विधायक कल्पना सोरेन बुधवार शाम रांची लौट आए.

सीएम 4 दिसंबर को विधानसभा सत्र को लेकर आयोजित स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो की सर्वदलीय बैठक और इसके बाद सत्ता पक्ष की बैठक में शामिल होंगे.

इन अटकलों की शुरुआत बिहार विधानसभा चुनाव में जेएमएम को एक भी सीट न मिलने के बाद हुई थी.

दरअसल झारखंड विधानसभा चुनाव में आरजेडी को कुछ सीटें चुनाव लड़ने के लिए दी गई थीं लेकिन जब बिहार विधानसभा चुनाव की बारी आई तो जेएमएम को एक भी सीट नहीं दी गई. इस मामले के बाद जेएमएम के नेताओं में नाराजगी भी थी.

झारखंड में INDIA ब्लॉक को 56 विधायकों का सपोर्ट

झारखंड की कुल 81 सदस्यों वाली विधानसभा में से हेमंत सोरेन की अध्यक्षता वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास 34 सीटें हैं, सहयोगी कांग्रेस के पास 16, राष्ट्रीय जनता दल के पास 4 और लेफ्ट के पास दो विधायक हैं.

राज्य विधानसभा में सत्ताधारी INDIA ब्लॉक को कुल 56 विधायकों का सपोर्ट है.

झारखंड के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हेमंत सोरेन “अपने खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के पेंडिंग केस को लेकर परेशान हो सकते हैं और उन्हें केंद्र सरकार के साथ बेहतर और अच्छे रिश्ते की उम्मीद हो सकती है” और इसलिए वे राज्य में किसी नए राजनीतिक गठबंधन की तलाश कर सकते हैं.

हाल ही में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 60 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद छह सीटें मिलीं और JMM छह सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद भी एक भी सीट नहीं जीत पाई.

(Photo credit: PTI)

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