HomeAdivasi Dailyआदिवासी छात्रों के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी की 'जयहिंद' योजना

आदिवासी छात्रों के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी की ‘जयहिंद’ योजना

इस योजना का मुख्य उद्देश्य आदिवासी छात्रों को ऐसे व्यावहारिक कौशल सिखाना है जो उनके गाँव या इलाके के लिए उपयोगी हों. इससे वे भविष्य में अपना काम-धंधा शुरू कर सकेंगे या नौकरी पा सकेंगे.

दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने एक नई और महत्वपूर्ण योजना शुरू की है. इस योजना का नाम ‘जयहिंद’ (JAIHIND) है. इस योजना का पूरा नाम ‘जनजातीय इमर्सिव होलिस्टिक इंटरवेंशन फॉर नोवेल डेवलपमेंट’ है.

इस योजना का शुभारंभ विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया. इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्रालय के सचिव विनीत जोशी मुख्य अतिथि थे.

इस योजना का मकसद दूर-दराज के जनजातीय इलाकों के स्कूली बच्चों को आगे की पढ़ाई और अच्छी नौकरी पाने के लिए मज़बूत बनाना है.

मणिपुर के के मेधावी आदिवासी छात्र से हुई शुरुआत

‘जयहिंद’ योजना की शुरुआत 25 मेधावी छात्रों के पहले बैच के साथ हुई है.

ये सभी छात्र मणिपुर राज्य के उखरूल ज़िले से आए हैं और तंगखुल नागा जनजाति के हैं. इनमें 13 लड़के और 12 लड़कियां शामिल हैं. ये सभी उखरूल ज़िले के चार सरकारी स्कूलों के छात्र हैं.

इनका चयन स्कूल में उनकी शैक्षणिक प्राप्तांक (Academic Merit) के आधार पर किया गया है.

योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों को ऐसे व्यावहारिक कौशल सिखाना है जो उनके गाँव या इलाके के लिए उपयोगी हों. इससे वे भविष्य में अपना काम-धंधा शुरू कर सकेंगे या नौकरी पा सकेंगे.

छात्रों को दिल्ली यूनिवर्सिटी जैसे बड़े संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाली कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) की परीक्षा की विशेष तैयारी भी करवाई जाएगी.

इस योजना का अंतिम लक्ष्य यही है कि ये मेहनती छात्र पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें और अपने परिवार और समुदाय का भविष्य उज्ज्वल बना सकें.

कैसे संपन्न होगी ये पहल

इस योजना का पहला कार्यक्रम दो हफ्तों तक दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस में चलेगा. इसकी अवधि 17 जून से 29 जून 2025 तक रहेगी.

इसके लिए पाठ्यक्रम (सिलेबस) विशेष रूप से स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. जैसे पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक तालाब या झीलें कम होती हैं इसलिए छात्रों को कृत्रिम कंटेनरों में मछली पालन (Artificial Container-based Pisciculture) और मछली का चारा बनाना (Fish Feed Production) जैसे उपयोगी कौशल सिखाए जाएंगे.

योजना की शुरुआत पर अधिकारियों ने क्या कहा?

दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति (Vice Chancellor) प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कि यह योजना मुख्य रूप से दूरदराज के जनजातीय इलाकों के कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए है.

इसका लक्ष्य उन्हें व्यावहारिक कौशल सिखाना और सीयूईटी की तैयारी कराना है ताकि वे अच्छी उच्च शिक्षा पा सकें और अपना जीवन अच्छे से चला सकें.

शिक्षा मंत्रालय के सचिव (Secretary) विनीत जोशी ने इसे छात्रों के लिए सुनहरा अवसर बताया.  उन्होंने कहा कि दिल्ली और दिल्ली यूनिवर्सिटी को सीधे देखने-समझने का यह मौका उनके लिए नए दरवाजे खोलेगा और उनकी सोच को विस्तार देगा.

जोशी ने यह भी याद दिलाया कि वे पहले उखरूल ज़िले के डिप्टी कमिश्नर भी रह चुके हैं, इसलिए वहां के छात्रों की चुनौतियों को अच्छी तरह समझते हैं.

उन्होंने छात्रों को प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना (Pradhan Mantri Vidyalakshmi Yojana) के बारे में भी बताया. इस योजना के तहत पढ़ाई में अच्छे लेकिन आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता मिलती है.

क्यों है यह योजना खास?

‘जयहिंद’ योजना दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक बहुत ही अच्छी पहल है.

यह योजना दूरदराज के जनजातीय छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ेगी. उन्हें न सिर्फ किताबी ज्ञान बल्कि रोजगारपरक हुनर (Job-oriented Skills) सिखाएगी.

इससे दिल्ली यूनिवर्सिटी जैसे बड़े संस्थानों में दाखिला पाने का रास्ता आसान भी होगा.

इस योजना के तहत लड़के और लड़कियों दोनों को समान अवसर मिलेंगे.

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