HomeAdivasi Dailyक्या वाकई आदिवासी समाज का सुधार कर रही है भाजपा सरकार?

क्या वाकई आदिवासी समाज का सुधार कर रही है भाजपा सरकार?

भाजपा सरकार ने वर्ष 2025 में आदिवासी समाज के विकास और न्याय के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनसे आदिवासियों के जीवन में सुधार हो रहा है.

भाजपा सरकार ने वर्ष 2025 में आदिवासी समाज के विकास और न्याय के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनसे आदिवासियों के जीवन में सुधार हो रहा है.

सरकार ने आदिवासी कल्याण के लिए बजट में भारी वृद्धि की है और विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, जल, सड़क एवं आजीविका के अवसर बढ़ाने पर जोर दिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आदिवासी विकास के लिए चलाए गए कई अभियान और योजनाएं देश भर में आदिवासियों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से हैं.

केंद्र सरकार ने “आदि कर्मयोगी अभियान” और “आदि सेवा पर्व” जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनके तहत देश के करीब एक लाख आदिवासी बहुल गांव अपनी पंचवर्षीय विकास योजनाएं स्वयं बनाने में सक्षम होंगे.

इसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है ताकि विकास योजनाएं उनकी आवश्यकताओं के अनुसार बनाई जाएं.

इसके साथ ही हर गांव में “आदि सेवा केंद्र” स्थापित किए जाएंगे जो सरकारी योजनाओं को पहुंचेगा और शिकायत निवारण भी करेगा.

इस पहल के लिए 20 लाख अधिकारियों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी प्रशिक्षित किया गया है.

सरकार ने आदिवासी कल्याण मंत्रालय के बजट को भी पिछले साल की तुलना में लगभग 45 प्रतिशत बढ़ा कर 14,925 करोड़ रुपये से अधिक किया है.

इस बजट का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ पेयजल, आवास, और बुनियादी ढांचे के विकास में किया जा रहा है.

आदिवासी बहुल क्षेत्रों में विशेष अभियान “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष” के तहत गांवों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हो रहा है जिससे करीब पांच करोड़ आदिवासियों को लाभ मिल सके.

प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन जैसे कार्यक्रमों का बजट भी दोगुना किया गया है जो आदिवासियों को साल भर आर्थिक गतिविधियों में सशक्त बनाने पर केंद्रित हैं.

वहीं प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM-JANMAN) के तहत कमजोर आदिवासी समूहों को शिक्षा, स्वास्थ्य, अधिकार और आजीविका के बेहतर अवसर मिल रहे हैं.

इस योजना के लिए कुल 24,104 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है जिसमें केंद्र और राज्यों का सहयोग शामिल है.

सरकार ने आदिवासियों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कृषि, कौशल विकास, स्वरोजगार बढ़ाने और रोजगार के अवसर तैयार करने पर भी काम किया है.

आदिवासी क्षेत्रों में सड़क, बिजली एवं डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं ताकि वे मुख्यधारा के विकास से जुड़ सकें.

इस पूरे विकास प्रयास का उद्देश्य आदिवासी समाज को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से मजबूत बनाना है ताकि वे देश के विकास में बराबर का भागीदार बन सकें.

यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि इन योजनाओं का पूरा लाभ सीधे आदिवासी परिवारों तक पहुंचे और उनके जीवन स्तर में सुधार हो.

भाजपा सरकार का दावा है कि उन्होंने आदिवासी समाज के लिए न्याय तथा विकास की दिशा में कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं.

आदिवासी बहुल गावों में पंचवर्षीय विकास योजनाओं के माध्यम से स्थानीय नेतृत्व को मजबूत किया जा रहा है.

बजट में अभूतपूर्व बढ़ोतरी के जरिए शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है.

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आदिवासियों को उनकी असल जरूरतों के अनुसार योजनाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं जिससे उनका जीवन स्तर लगातार बेहतर होता जा रहा है.

2025 में आदिवासी विकास को देश की प्राथमिकता का हिस्सा बना दिया गया है, जिससे आदिवासी समाज का समग्र सामाजिक-आर्थिक उत्थान संभव होगा.

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