शुक्रवार को कर्नाटक (Tribes of Karnataka) सरकार ने सिविल परीक्षा (UPSC) की तैयारी करने वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों (Tribal Students) को मिलने वाली सरकारी वित्तीय सहायता को बढ़ाने का फैसला किया है.
इन विद्यार्थियों को पढ़ाई में कोई दिक्कत न हो इसके लिए कर्नाटक सरकार इन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करती है. हालांकि इस वित्तीय सहायता के लिए इन सभी विद्यार्थियों का समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है.
इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद इन्हें नई दिल्ली कोचिंग पढ़ने भेजा जाता है.
पहले इन छात्र-छात्राओं को 10,000 रूपये प्रति माह वित्तीय सहायता दी जाती थी. लेकिन अब कर्नाटक सरकार ने यह तय किया है कि 10,000 रूपये की राशि को बढ़ाकर 15,000 रूपये कर दिया जाएगा.
दरअसल शुक्रवार को एक बैठक आयोजित हुई थी. जिसमें 2023-24 के सब प्लान (टीएसपी) के लिए 39,121.46 करोड़ रूपये के एक्शन प्लान को मंजूरी दी गई.
यह सब प्लान खास तौर पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए बनाया जाता है.
इस बैठक के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सभी मीडियाकर्मियों को यह सूचना दी कि सिविल परीक्षा की तैयारी करने वाले कर्नाटक के सभी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को 15,000 रूपये प्रति माह आवंटित किए जाएंगे.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कर्नाटक से 70 आदिवासी और अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राएं सिविल परीक्षा के लिए नई दिल्ली पढ़ने गए हैं.
इसके अलावा उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों की यह लंबे समय से शिकायत थी कि 10,000 रूपये उनके सभी खर्चो के हिसाब से पर्याप्त नहीं है. इसलिए उन्होंने इस राशि को बढ़ाकर अब 15,000 रूपये कर दिया है.
यह भी बताया गया है कि इन 70 छात्र-छात्राओं के लिए कर्नाटक सरकार हॉस्टस और लाइब्रेरी बनाने पर विचार कर रही है. इसके लिए सरकार ने जगह तलाश करना भी शुरू कर दिया है.
इसके अलावा उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को मिलने वाली वित्तीय सहायता की राशि अगले महीने से 15,000 रूपये हो जाएगी.
संघ लोक सेवा आयोग या सिविल परीक्षा में इस साल 1056 सीटें हैं. इनमें से लगभग 7.5 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं.
इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले सभी छात्र-छात्राओं को आईपीएस, आईएएस जैसे उच्च पदों पर नियुक्ति किए जाता है.