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मणिपुर की स्थिती पर चर्चा के लिए आदिवासी नेता अमित शाह से करेंगे मुलाकात

आईटीएलएफ के वरिष्ठ नेता गिन्ज़ा वुअलज़ोंग ने बताया कि आदिवासी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल सोमवार देर रात दिल्ली पहुंच चुका है और ये सभी नेता मंगलवार (आज) या बुधवार(कल) को गृह मंत्री अमित शाह और गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मिल सकते हैं.

मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने और समाधान के लिए कुकी-ज़ो आदिवासी संगठनों (Kuki-Zo tribal organisation) का एक प्रतिनिधिमंडल इस हफ्ते के आखिर में दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह (Home minister Amit Shah) और गृह मंत्रालय (Ministry of home affairs ) के अधिकारियों से मिल सकते हैं.

इन आदिवासी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में आदिवासी नेता मंच (ITLF), आदिवासी एकता समिति, कुकी इंपी मणिपुर, ज़ोमी काउंसिल, हिल ट्राइबल काउंसिल और सभी जनजाति परिषदों के नेता शामिल हैं.

इसी सिलसिले में आईटीएलएफ के वरिष्ठ नेता गिन्ज़ा वुअलज़ोंग (Senior ITLF leader Ginza Vualzong) ने बताया कि आदिवासी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल सोमवार देर रात दिल्ली पहुंच चुका है और ये सभी नेता मंगलवार (आज) या बुधवार(कल) को गृह मंत्री अमित शाह और गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मिल सकते हैं.

उन्होंने ये भी बताया की फिलहाल न तो गृह मंत्रालय और न ही मणिपुर सरकार ने इस मामले के संबंध में कोई बयान ज़ारी किया है.

गिनज़ा वुअलज़ोंग ने कहा कि सभी नेता और गृह मंत्रालय अपनी बैठक के बाद दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर सकते हैं.

इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक इस मीटिंग में मणिपुर में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति और मई 2023 से मणिपुर में फैल रही अशांति से प्रभावित लोगों की परेशानी पर चर्चा की जाएगी.

ऐसा भी कहा जा रहा है की राजनीतिक समाधान की मांग को तेजी से पूरा करने के लिए विभिन्न पहाड़ी जिलों के सभी आदिवासी समूह एक साथ आए हैं.

बैठक में भाग लेने वाले आदिवासी समूहों में से एक समूह के सदस्य ने बताया की ऐसा पहली बार हुआ है की जब गृह मंत्रालय के अधिकारी एक बैठक में सभी समूहों से मिल रहे हैं.

इस बैठक से पहले भी 3 फरवरी को गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से दिल्ली में मुलाकात की थी. इस मीटिंग में दोनों ने मणिपुर से संबंधित मामलों पर चर्चा की थी.

मणिपुर के मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (एक्स) पर साझा करते हुए यह दावा किया कि केंद्र सरकार राज्य के लोगों के हित में “कुछ महत्वपूर्ण निर्णय” लेने के लिए तैयार है.

3 मई 2023 को मणिपुर में कुकी-ज़ो आदिवासी और मेइती लोगों के बीच अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर जातीय हिंसा भड़की थी.

इसके बाद से मणिपुर में हिंसा जारी है और अब तक वहां से 200 से ज्यादा लोगों की मरने की खबर आ चुकी है.

सरकार का दावा है की मणिपुर में शांति लाने के लिए कई उपाय किए जा चुके हैं. जिनमें न्यायिक जांच समिति का गठन, पीड़ितों को वित्तीय सहायता और अतिरिक्त सैनिक भेजना शामिल था.

इन सब बैठकों से पहले भी अमित शाह ने शांति सुनिश्चित करने के लिए चार दिनों तक राज्य का दौरा किया था. हालाँकि हिंसा तभी भी ज़ारी रही.

प्रधानमंत्री ने मणिपुर के लोगों को उनके हाल पर छोड़ा

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर की स्थिति को लेकर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर के इस राज्य के लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है.

उन्होंने यह दावा भी किया कि पिछले साल संसद से प्रधानमंत्री ने मणिपुर के लोगों को जो आश्वासन दिया था वह भी खोखला लगता है.

खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मणिपुर में लगातार जारी हिंसा के कारण अनगिनत जिंदगियों को तबाह हुए नौ महीने हो गए हैं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के पास राज्य का दौरा करने के लिए एक घंटा भी नहीं है. क्यों?

उन्होंने आखिरी बार चुनाव प्रचार के लिए फरवरी, 2022 में मणिपुर का दौरा किया था और अब उन्होंने मणिपुर के लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है.’’

उनके मुताबिक, राज्य में 4 मई, 2023 से अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘लगभग 50,000 लोग पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं और भोजन के बिना घृणित परिस्थितियों में राहत शिविरों में रह रहे हैं. लोग पहले ही सब कुछ खो चुके हैं – अपना घर, अपनी आजीविका और अपना सामान. वे कहीं नहीं जा सकते. उनका भविष्य अंधकारमय है.’’

खरगे ने कहा, ‘‘कुछ खबरों के अनुसार, अकेले चुराचांदपुर के शिविरों में कुपोषण और बीमारी के कारण 80 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. इंफाल के शिविर भी बेहतर नहीं हैं. शिविरों में जो भी सहायता प्रदान की जा रही है वह अच्छे लोगों, गैर सरकारी संगठनों के सामूहिक प्रयासों से आई है, न कि राज्य सरकार द्वारा.’’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा द्वारा दिखाई गई पूर्ण उदासीनता और उपेक्षा के कारण महिलाएं और बच्चे पीड़ित हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि अगस्त, 2023 में संसद में मणिपुर के लोगों को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिया गया आश्वासन खोखला लगता है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कोई सामान्य स्थिति और शांति नजर नहीं आ रही है. भाजपा की ‘‘डबल इंजन’’ सरकार ने मणिपुर के लोगों पर कई प्रहार किए हैं.

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