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महाराष्ट्र सरकार धर्मांतरण के खिलाफ बनाएगा कानून, आदिवासी जिलों में अवैध चर्चों को करेगा ध्वस्त

भाजपा विधायकों ने धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए एक सख्त कानून बनाने पर भी ज़ोर दिया, जैसा कि पाकिस्तान, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात जैसे 12 अन्य राज्यों और देशों में है.

महाराष्ट्र सरकार धर्मांतरण के खिलाफ कानून लाने की तैयारी में है. राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को राज्य विधानसभा में कहा कि महाराष्ट्र सरकार अगले छह महीनों में धर्मांतरण के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए एक सख्त कानून बनाएगी.

साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य भर में विशेष रूप से आदिवासी जिलों में बने अनधिकृत चर्चों को भी ध्वस्त करेगी.

यह घोषणा बीजेपी के विधायकों अनूप अग्रवाल, सुधीर मुनगंटीवार, संजय कुटे और गोपीचंद पडलकर द्वारा यह आरोप लगाए जाने के बाद की गई कि धर्म के प्रचार के लिए विदेशी धन का उपयोग करके बनाए गए अवैध चर्चों के माध्यम से आदिवासियों को ईसाई धर्म में परिवर्तित किया जा रहा है.

उन्होंने अनुसूचित जातियों (एससी) के लिए बनाई गई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने से धर्मांतरित आदिवासियों को रोकने के लिए एक मैकेनिज्म की भी मांग की.

धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून की मांग

बीजेपी विधायक अनूप अग्रवाल ने दावा किया कि एक आरटीआई के जवाब के मुताबिक, पालघर और नंदुरबार जैसे आदिवासी जिलों में अवैध चर्चों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि लगभग 2,000 की आबादी वाले गांवों में आधा दर्जन चर्च हैं.

उन्होंने आगे बताया कि अकेले धुले में 199 ग्राम पंचायतों में अवैध चर्च हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मांतरण धमकियों और चिकित्सा सहायता का लालच देकर किया जाता है.

वहीं सुधीर मुनगंटीवार ने दावा किया कि पिछले वर्ष धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल 1,515 संगठनों को विदेशी धन प्राप्त हुआ, जिसके बाद राज्य में पिछले कुछ वर्षों में हिंदू आबादी में कमी आई है.

इससे पहले राज्य विधानसभा के बजट सत्र में बल्लारपुर विधायक मुनगंटीवार ने जबरन धर्मांतरण को संज्ञेय अपराध बनाने के लिए एक निजी विधेयक पेश किया था. हालांकि यह विधेयक अभी तक विधानसभा में पेश नहीं किया गया.

जबकि संजय कुटे ने एक समीक्षा समिति के गठन की मांग की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि धर्मांतरित आदिवासी अनुसूचित जनजातियों के लिए बनाई गई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ न उठा पाएं.

भाजपा विधायकों ने धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए एक सख्त कानून बनाने पर भी ज़ोर दिया, जैसा कि पाकिस्तान, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात जैसे 12 अन्य राज्यों और देशों में है.

अवैध चर्चों को जल्द धवस्त किया जाएगा

जवाब में राजस्व मंत्री बावनकुले ने कहा कि संबंधित अवैध चर्चों को तत्काल ध्वस्त कर दिया जाएगा. जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सूचीबद्ध चर्चों को अगले छह महीनों में हटा दिया जाएगा.

बावनकुले ने कहा, “लालच और धमकी के ज़रिए धर्मांतरण कराने के मामले में गृह विभाग की एक रिपोर्ट है और हमने इसका संज्ञान लिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चर्चों की मदद से धर्मांतरण हुआ. धार्मिक ढांचों को हटाने के संबंध में मई 2011 और मई 2018 में आदेश जारी किए गए हैं. डिविजनल कमिश्नर को छह महीने के भीतर इन ढांचों को हटाने की योजना बनाने के लिए कहा जाएगा.”

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि महाराष्ट्र सरकार धर्मांतरण के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए एक सख्त कानून बनाएगी.

उन्होंने कहा, “राज्य मंत्रिमंडल विदेशी फंडिंग, फंडिंग के स्रोतों, फंडिंग की मात्रा और इन मामलों में कार्रवाई करने के लिए राज्य और केंद्र द्वारा मौजूदा कानूनों पर चर्चा करेगा. हम धर्मांतरण के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए एक सख्त कानून लाने का इरादा रखते हैं और इसे उचित विचार-विमर्श के बाद लाया जाएगा.”

बावनकुले ने आगे कहा कि आदिवासी विकास मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी जो धर्मांतरित आदिवासियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने के मुद्दे पर विचार करेगी.

वहीं आदिवासी विकास मंत्री अशोक उइके ने कहा कि समिति धर्मांतरित आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति की योजनाओं से वंचित करने के बजाय उन्हें वापस हिंदू धर्म में लाने के उपायों पर विचार करेगी.

यह पहली बार नहीं है जब भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने कथित जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इससे पहले मार्च में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में “लव जिहाद” कानून की आवश्यकता की वकालत करते हुए कहा था कि सरकार को ऐसे मामलों की 1 लाख से ज़्यादा शिकायतें मिली हैं.

लव जिहाद एक विवादास्पद शब्द है जिसका प्रयोग हिंदू राष्ट्रवादियों द्वारा किया जाता है. जिनका मानना ​​है कि मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को बहला-फुसलाकर उनसे विवाह कर लेते हैं और उन्हें इस्लाम में परिवर्तित कर लेते हैं.

फडणवीस ने कहा था कि कानून का निर्माण राज्य पुलिस प्रमुख रश्मि शुक्ला की अध्यक्षता में फरवरी में गठित एक समिति के निष्कर्षों पर आधारित होगा. इस समिति को “लव जिहाद और धोखाधड़ी या जबरन धर्मांतरण को रोकने” के लिए एक कानून का मसौदा तैयार करने का काम सौंपा गया था.

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