गढ़चिरौली गांव के एक 32 वर्षीय आदिवासी को संदिग्ध माओवादियों द्वारा अपहरण किए जाने और पुलिस मुखबिर होने के आरोप के एक दिन बाद यानि आज गुरुवार को मृत पाया गया है.
पुलिस ने बताया की बुधवार के दिन दिनेश गावड़े का मोरखंडे गांव से अपहरण कर लिया गया था. जो की छोटबेटिया पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आता है.
गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने कहा की करीब आधी रात के आसपास उनकी हत्या कर दी गई थी . जिसके बाद आज यानि गुरुवार की सुबह उसकी शव मोरखंडी गांव के पास पाया गया है.
नीलोत्पल ने कहा कि माओवादियों ने दिनेश गावड़े को पुलिस मुखबिर बताकर मार डाला है. वहीं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एक प्रारंभिक जांच के अनुसार बताया की ये सच नहीं है.
उन्होनें कहा की अहेरी गांव के रहने वाले दिनेश वॉलीबॉल खेलने के लिए मोरखंडी गए हुए थे. जब वो वॉलीबॉल खेलने के बाद घर वापस जा रहे थे तभी उनको अपहरण कर लिया गया और फिर मामला को अंजाम दिया है.
उन्होंने कहा की मामले की जानकारी मिलने बाद ही अहेरी इलाकों को पूरी तरह से घेराबंदी कर दी गई है और निर्दोष आदिवासी गावड़े की हत्या के लिए जिम्मेदार माओवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया गया है.
पुलिस ने बताया की गावड़े का अपहरण तब किया गया था जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को ज़िले में सेवारत पुलिस कर्मियों के साथ दिवाली मिलन कार्यक्रम और महिला पुलिस कर्मियों के साथ “भाई दूज” कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आदिवासी ज़िले का दौरा किया था.
एकनाथ शिंदे पहले जिले के संरक्षक मंत्री थे. सशस्त्र गुरिल्लाओं से लड़ रहे सुरक्षा बलों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर पिपली बुर्गी पुलिस स्टेशन गए थे.
शिंदे ने संघर्ष क्षेत्र में सुरक्षा कर्मियों के लिए स्थानांतरण के लिए समर्थन दिया है. साथ ही बुनियादी ढांचे और अन्य लाभों को बढ़ाने का भी वादा किया.
मुख्यमंत्री ने गढ़चिरौली पुलिस के सी-60 कमांडो को एक विशिष्ट माओवादी विरोधी दस्ते और क्षेत्र के अन्य सुरक्षा कर्मियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा की “राज्य की सीमा पर पुलिस स्टेशन स्थानीय आबादी के लिए बेहतर सुरक्षा जल्द ही सुनिश्चित करेगा.” हालांकि पुलिस ने आश्वासन दिया है की माओवादियों को जल्द से जल्द हिरासत में लिया जाएगा