HomeAdivasi Dailyकुकी ट्राइब्स की एसटी मान्यता पर मैतई समुदाय के सवाल

कुकी ट्राइब्स की एसटी मान्यता पर मैतई समुदाय के सवाल

मणिपुर में मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जातीय संघर्ष जारी है. ये संघर्ष इन्हीं दोनों समुदाय के बीच अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग और आरक्षण की बहस से शुरु हुआ था. ऐसे में एक समुदाय का दूसरे समुदाय के एसटी दर्जे पर सवाल खड़ा करने से ये संघर्ष की खाई और गहरा सकती है.

मणिपुर की दो प्रमुख सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं थाडो इंपुई मणिपुर और मैतई अलायंस ने भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय को एक ज्ञापन भेजकर एक बार फ़िर एनी कुकी ट्राइब्स (AKT) को राज्य की अनुसूचित जनजाति (ST) सूची से हटाने की मांग की है.

उनका कहना है कि इस श्रेणी की अस्पष्टता के कारण म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों से आए लोग भी मणिपुर के मूल जनजातियों के अधिकारों का लाभ उठाने लगे हैं.

क्या कहा गया ज्ञापन में?

इन संगठनों का कहना है कि एनी कुकी ट्राइब्स (AKT)  श्रेणी के तहत किसी एक विशेष भाषा, संस्कृति या भौगोलिक पहचान की कोई स्पष्टता नहीं है. यह संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत अनुसूचित जनजाति की मान्यता के लिए निर्धारित मापदंडों को पूरा नहीं करती.

ज्ञापन में कहा गया है कि एनी कुकी ट्राइब्स की अस्पष्ट प्रकृति की वजह से गैर-स्थानीय और विदेशी लोगों को भी मणिपुर में जनजातीय अधिकार मिल रहे हैं. इससे भूमि, संसाधनों और मौजूदा जनजातियों के विशेषाधिकारों को खतरा पैदा हो गया है.

इन संगठनों का तर्क है कि ये ट्राइब्स न तो कोई विशेष भाषा बोलते हैं, न ही इनकी कोई अलग सांस्कृतिक परंपरा है और न ही इनका कोई अलग भौगोलिक क्षेत्र है.

कब से चल रही है यह मांग?

सरकार को सौंपे ज्ञापन के अनुसार, यह मांग मणिपुर सरकार की कैबिनेट बैठकों के आधार पर की गई है.

19 अक्टूबर 2018 और 2 जनवरी 2023 को मणिपुर सरकार ने केंद्र को ‘एनी कुकी ट्राइब्स’ को एसटी सूची से हटाने की सिफारिश की थी.

संगठन क्या कहते हैं?

इन संगठनों का आरोप है कि 2003 में ‘एनी कुकी ट्राइब्स’ को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया गया था. लेकिन यह राजनीतिक कारणों से किया गया था और इसमें पारदर्शिता को भी नहीं अपनाया गया था.

इन संगठनों का कहना है कि इस श्रेणी की मौजूदगी से राज्य में जातीय तनाव और भ्रम बढ़ा है जबकि मणिपुर की अन्य सभी जनजातियाँ भाषाई और सांस्कृतिक रूप से विशिष्ट हैं.

मणिपुर में मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जातीय संघर्ष जारी है. ये संघर्ष इन्हीं दोनों समुदाय के बीच अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग और आरक्षण की बहस से शुरु हुआ था जिसने बाद में हिंसा का रूप भी ले लिया था.

मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा के बीच इस तरह की किसी भी मांग पर सरकार फिलहाल कोई फैसला नहीं ले सकती है. क्योंकि ऐसा करना जातीय हिंसा की इस आग में घी डालने जैसा काम होगा.

(Image is for representation purpose only)

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