HomeAdivasi Dailyबरसी का बासी खाना मिड-डे मील में खिलाया, 100 से अधिक आदिवासी...

बरसी का बासी खाना मिड-डे मील में खिलाया, 100 से अधिक आदिवासी छात्र अस्पताल में भर्ती

शाहपुर तहसीलदार कोमल ठाकुर ने एक इंटरव्यू में बताया कि बुधवार को फूड पॉइजनिंग से पीड़ित होने के बाद 48 लड़कियों के साथ ही कुल 117 छात्रों को शाहपुर सब डिवीजन अस्पताल में भर्ती कराया गया.

बुधवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के ठाणे ज़िले (Thane District) में एक आवासीय स्कूल में मिड-डे मील खाने के बाद 100 से भी ज्यादा आदिवासी छात्रों में फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) के लक्षण दिखने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस मामले में चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

यह घटना संत गाडगे महाराज प्राथमिक और माध्यमिक आश्रम स्कूल (Sant Gadge Maharaj Primary and Secondary Ashram School) की है. जो एक आदिवासी बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय है, ये मुंबई के बाहरी इलाके शाहपुर तालुका के भटसाई में स्थित है. इस स्कूल में कक्षा 1 से 10 तक के लगभग 200 छात्र हैं.

अधिकारियों के अनुसार निजी आश्रम स्कूल (Private ashram school) के लगभग 109 छात्र सुबह बाहर से लाए गए खाना खाने के बाद बीमार पड़ गए.

इस मामले में अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि छात्रों को भोजन में पुलाव और मीठे में गुलाब जामुन परोसा गया था. जिसके बाद उन्हें उल्टी और फूड पॉइजनिंग के अन्य लक्षण महसूस हुए. पॉइजनिंग के लक्षण दिखने के बाद छात्रों को जल्दी से अस्पताल में भर्ती कराया गया.

शाहपुर तहसीलदार कोमल ठाकुर ने मीडिया को बताया कि बुधवार को फूड पॉइजनिंग से पीड़ित होने के बाद 48 लड़कियों के साथ ही कुल 117 छात्रों को शाहपुर सब डिवीजन अस्पताल में भर्ती कराया गया.

सभी छात्रों को इलाज के बाद शाहपुर के सब डिवीजन अस्पताल (Sub-Divison Hospital) से डिस्चार्ज कर दिया गया है.

उन्होंने बताया कि भाटसाई के एक ग्रामीण की पहली बरसी के मौके पर खाना बाहर से लाया गया था.

इसके अलावा कोमल ठाकुर ने यह भी बताया कि बच्चों को दिए गए भोजन को इकट्ठा करके जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे दिया गया है और घटना की जांच की जा रही है.

ऐसा लगता है कि किसी की बरसी के भोज का बचा हुआ बासी खाना आदिवासी बच्चों को दिया गया था. यह ना सिर्फ़ आश्रम प्रशासन की लापरवाही दिखाता है बल्कि वंचित तबकों के प्रति समाज के रवैये को भी सामने रखता है.

चार के खिलाफ मामला दर्ज

इस घटना के एक बाद आज यानी गुरुवार को पुलिस ने इस मामले में चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

इस मामले में ज़िला ग्रामीण पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि स्कूल अधीक्षक, प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका, माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक और बाहर से खाना लाने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस ने बताया कि इन चारों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 284 – मानव जीवन को खतरे में डालना, धारा 336 – कोई भी कार्य करना जो मानव जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालता है, धारा 337 – किसी भी व्यक्ति को चोट पहुंचाना, जल्दबाजी या लापरवाही से कोई कार्य करना, मानव जीवन या दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालना और धारा 34 – सामान्य इरादा के तहत मामला दर्ज किया गया है.

इसके अलावा एक वरिष्ठ अधिकारी ने अस्पताल का दौरा किया और छात्रों की स्थिति के बारे में जानकारी ली.

अस्पताल में भर्ती छात्रों के परिवार वाले और रिश्तेदार भी चिकित्सा सुविधा के बाहर एकत्र हुए, जिससे व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की तैनाती की गई.

इन छात्रों के माता-पिता और कुछ सामाजिक संगठनों ने बच्चों की उचित देखभाल करने में विफलता के लिए स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments