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कर्नाटक : नेकुंती नागराज एसटी कॉरपोरेशन में करोड़ों के घोटाले के अहम आरोपी है?

कर्नाटक के एसटी कॉरपोरेशन के करोड़ों रूपये के घोटाले में सीआईडी (CID) ने बड़ा खुलासा किया है. सीआईडी की जांच के मुताबिक पूर्व आदिवासी कल्याण मंत्री नेकुंती नागराज ने इस घोटाले में अहम भूमिका निभाई है. सीआईडी की जांच रिपोर्ट को देखते हुए कोर्ट ने भी नागराज की बेल को खारिज कर दिया है.

कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास कॉरपोरेशन लिमिटेड के करोड़ों रूपये के घोटाले (Karnataka ST Corporation Scam) में सीआईडी (CID) ने एक अहम खुलासा किया है.

सीआईडी (CID) ने बताया कि राज्य के पूर्व आदिवासी कल्याण मंत्री नेकुंती नागराज (Nekunti Nagaraj) इस घोटाले में मुख्य आरोपी है.

नागराज पर यह आरोप है कि उन्होंने कॉरपोरेशन से 94.73 करोड़ निकालकर कई नकली कंपनियों के बैंक खाते में भेजे थे.

नागराज को अपराध जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा 4 जून को गिरफ्तार किया गया था.

18 जून तक उन्हें न्यायिक हिरासत में रखा गया था.

यह भी पता चला है कि फ़र्जी कंपनियों के खाते में भेजे गए पैसों से उन्होंने अलग-अलग दुकानों से सोना खरीदा था.

उन्होंने इस घटना के अन्य आरोपी सत्यनारायण के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया है.

इस मामले में कॉपरेशेन के अकांउट ऑफिसर चंद्रशेखर की आत्महत्या के बाद सत्यनारायण का नाम सामने आया था.

चंद्रशेखर ने आत्महत्या से पहले एक पत्र लिखा था, जिसमें उसने इस घोटाले का खुलासा किया था.

सीआईडी ने कोर्ट में नागराज की जमानत याचिका पर आपात्ति जताते हुए कहा कि नागराज ने कॉरपोरेशन से निकाले गए पैसों से सोना खरीदा.

सीआईडी के अनुसार इस सोने और पैसों को उसने अज्ञात लोगों के खातों में जमा कर दिया.

इन लोगों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है.

सीआईडी ने कहा, “ नागराज से इन्हीं अज्ञात लोगों की जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है.”

इसके अलावा नागराज ने कॉरपेरेशन के खाते से पैसा निकालर विभिन्न खातों में पैसा स्थानंतरित करने में अहम भूमिका निभाई है.

नागराज ने यह दावा किया कि वे मंत्री का करीबी है. इसलिए कॉरपेरेशन का सदस्य ना होने के बावजूद उसने इस घटना को अंजाम दिया है.

नागराज बीजेपी का कार्यकर्ता है. 2013 में उसने बीएसआर पार्टी से कोप्पल विधानसभा चुनाव लड़े थे, जिसमें वह असफल रहा था.

एलआईसी सिटी सिविल एंड सेशन कोर्ट के नयायधीश यशवंत कुमार ने नागराज के बेल को यह कहकर खारिज कर दिया है कि सीआईडी की जांच रिपोर्ट देखकर ऐसा लगता है कि इस जांच में नागराज का अहम भाग है. इसलिए उन्हें बेल नहीं दी जा सकती.

इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि नागराज राजनीतिक दल का कार्यकर्ता है इसलिए वह ताकतवर और प्रभावशाली व्यक्ति है. यह जांच अभी प्रारंभिक चरण में है.

इस स्थिति में अगर नागराज को बेल मिलती है तो गवाहों को धमकी देना और सूबतों को मिटाने जैसे संभवाने बनेगी.

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