राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को कुकी नेशनल फ्रंट – मिलिटरी काउंसिल के एक प्रमुख नेता को इंफाल हवाई अड्डे से गिरफ़्तार किया है. राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने इसे मणिपुर हिंसा को रोकने के लिए जारी प्रयासों में एक बड़ी सफलता बताया है.
एजेंसी का दावा है कि कुकी आतंकवादी नेता थोंगमिनथांग हाओकिप मणिपुर हिंसा के दौरान सुरक्षाबलों पर हुए कई हमलों में शामिल था.
एजेंसी ने इसे अंतरर्राष्ट्रीय साजिश से संबंधित मामला बताया है. एजेंसी के अनुसार कुकी और ज़ोमी विद्रोहियों को पूर्वोत्तर राज्यों और पड़ोसी देश म्यांमार के आतंकवादी संगठन का समर्थन था और जातीय अशांति का फायदा उठा कर ये भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की भी योजना बना रहे थे.
हाओकिप की गिरफ़तारी भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत हुई है. इस मामले को पिछले साल 19 जुलाई को एनआईए ने स्वयं संज्ञान लेकर दर्ज किया था.
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एनआईए ने एक बयान में कहा है कि एजेंसी द्वारा जांच किये जाने पर पता चला कि आरोपी ने मणिपुर हिंसा के दौरान हथियार, गोलाबारूद और अन्य विस्फोटकों की आपूर्ति के लिए पीडीएफ और केएनएफ – बी (म्यांमार) के नेताओं से मुलाकात की थी.
एनआईए ने अपने बयान में बताया है कि आरोपी ने राज्य के जातीय संकट के दौरान सुरक्षाबलों और विरोधी समूह के खिलाफ हुए सशस्त्र हमलों में शामिल होने की बात को स्वीकार किया है. साथ ही उसने कुकी नेशनल फ्रंट – मिलिट्री काउंसिल और यूनाइटिड़ ट्राइबल वॉलंटियर्स का सदस्य होने की बात को सही बताया है.
एनआईए ने इन जानकारियों के आधार पर क्षेत्र में अराजकता फैलाने की व्यापक साजिश में हाओकिप के शामिल होने की पुष्टी की है.
मणिपुर में पिछले एक साल से हिंसा चल रही है. यह हिंसा कुकी और मैतई समुदायों के बीच हो रही है. इस हिंसा में कुकी और मैतई दोनों ही तरफ से चरमपंथी संगठन हथियारबंद हिंसा में शामिल हैं.