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संसद में मणिपुर हिंसा को लेकर जोरदार हंगामा, पीएम मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर आज देंगे जवाब

महुआ मोइत्रा ने कहा कि मैं बताना चाहती हूं कि मणिपुर का मुद्दा अलग है. नफरती अपराध एक समुदाय के खिलाफ मणिपुर में हो रहा. वो महिलाएं इंसाफ भी नहीं पा रही हैं. वहां युद्ध चल रहा है, सामुदायों के बीच. 3 महीने में 150 से ज्यादा लोग मारे गए.

संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आज आखिरी दिन है. लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर आज फाइनल राउंड की चर्चा होनी है. इंडियन नेशनल डिवेलपमेंटल इन्क्लुसिव अलायंस यानी इंडिया ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मणिपुर में जारी जातीय हिंसा पर अविश्वास प्रस्ताव लाया था और इस पर मंगलवार से चर्चा जारी है. आज प्रधानमंत्री मोदी के जवाब के साथ ही चर्चा खत्म हो जाएगी. आज शाम करीब 4 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन होगा.

अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में गुरुवार को जोरदार चर्चा जारी है. पहले निर्मला सीतारमण ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. इसके बाद विपक्ष की ओर से AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने मणिपुर हिंसा पर सरकार को घेरा.

अधीर रंजन ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ये अविश्वास प्रस्ताव की ताकत है कि हम पीएम मोदी को सदन तक खींच लाए. अधीर रंजन चौधरी ने मणिपुर की घटना का जिक्र कर कहा कि जहां का राजा अंधा होता है, वहां द्रौपदी का चीरहरण होता है. इस पर अमित शाह ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, आप पीएम के बारे में इस तरह से सदन में नहीं बोल सकते.

अधीर रंजन ने कहा, हम ये कहना चाहते हैं कि पीएम मोदी हर चीज में कुछ न कुछ बोलते हैं. लेकिन मणिपुर पर वे चुप हैं. हमें ये बिल्कुल पसंद नहीं हैं. मणिपुर से दो सांसद हैं. उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा सकता. हम अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने जो बयान दिया, वो घातक बयान दिया. आपने कहा था कि बफर जोन में आपने सुरक्षाबलों को तैनात किया. बफर जोन लाइन ऑफ कंट्रोल में बनते हैं. इसका मतलब आप क्या स्वीकार कर रहे हैं.

अधीर रंजन ने कहा, देश का मुखिया होने के नाते पीएम मोदी को मणिपुर के लोगों के सामने मन की बात करनी चाहिए थी. ये मांग कोई गलत मांग नहीं थी. ये आम लोगों की मांग थी. उन्होंने कहा, मोदी 100 बार देश के पीएम बनें, हमें कोई लेना देना नहीं. हमें देश के लोगों से लेना देना है.

महुआ मोइत्रा बोलीं – मणिपुर पर चुप्पी साधी गई

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को मणिपुर के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा है कि ये अविश्वास प्रस्ताव सरकार गिराने के लिए नहीं, किसी चीज़ को पुनर्जीवन देने के लिए लाया गया है.

मणिपुर के मुद्दे पर उन्होंने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा, “तीन महीने में 6500 एफआईआर दर्ज की गयी हैं. चार हज़ार घर बर्बाद हुए हैं, 60 हज़ार लोग बेघर हुए हैं. ये किस राज्य ने देखा है. तीन महीनों में 150 लोगों की मौत हुई है. ये किस राज्य ने देखा है. 300 पूजा स्थल बर्बाद हुए हैं. मणिपुर पुलिस और असम रायफल्स के बीच आर्म्ड स्टैंडऑफ वीडियो पर नजर आया है, इसमें से एक सुरक्षा बल पर गृह मंत्रालय और दूसरे पर राज्य सरकार का नियंत्रण है. ये किस राज्य में दिखा है आज तक?”

उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव मणिपुर में इस मौन संहिता को तोड़ने के लिए है. पीएम मोदी हमारी बात नहीं सुनेंगे, आखिरी दिन आकर भाषण देंगे. मुझे नहीं पता कि इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण क्या है, हमारे प्रधानमंत्री ने संसद में आने से इनकार कर दिया या उन्होंने मणिपुर जाने से इनकार कर दिया.

ओवैसी ने भी सरकार को घेरा

ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधते हुए मणिपुर और हरियाणा की मौजूदा स्थिति पर इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों का इस्तीफा मांगा. उन्होंने इस बात की वकालत की कि दोनों राज्यों में हिंसा के लिए वहां के मुख्यमंत्री जिम्मेदार क्यों नहीं हैं और उन्हें अब तक क्यों नहीं हटाया गया है.

ओवैसी ने कहा कि आप कह रहे हैं मणिपुर के सीएम सहयोग कर रहे हैं, इसलिए आप उन्हें हटाना नहीं चाहते. ओवैसी ने कहा कि असम राइफल के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है. किसी शायर ने अच्छा कहा था कि कुर्सी है ये तुम्हारा जनाजा तो नहीं कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते.

पीएम मोदी की चुप्पी को लेकर सवाल पर सवाल

वहीं पीएम मोदी के सदन में भाषण से पहले कांग्रेस के सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, “20 जुलाई से इंडिया गठबंधन मांग कर रहा है कि पीएम को संसद में आना चाहिए और मणिपुर के बारे में बोलना चाहिए और वहां के लोगों के साथ शांति और एकजुटता का बयान देना चाहिए. पीएम को संसद में आने में 14 दिन लग गए. हमें उम्मीद है वे उन सवालों का जवाब देंगे जो कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने उठाए हैं.”

आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने भी मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए. न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, “अविश्वास पत्र, आंकड़ों की परिस्थिति को देखते हुए लाया गया था. उद्देश्य ये सिर्फ ये था कि पीएम की चुप्पी, मणिपुर में हाहाकार मचा रही है. वो हमारे दौरे के दौरान भी लोगों ने कहा कि पीएम क्यों नहीं बोले.”

उन्होंने कहा, “मैं पीएम से उम्मीद करूंगा कि वो गृह मंत्री की तरह वो अतीतजीवी न हो जाएं. साढ़े नौ साल से आप सरकार में हैं. अतीत में कुछ गलत हुआ भी था तो आपके पास पूरा वक्त था, और कितना वक्त चाहिए. मुझे लगता है कि पीएम को मणिपुर के लिए संवेदना देनी चाहिए.”

शिवसेना(यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि वो(पीएम) जवाब देंगे, जो मुद्दे हमने सामने रखे हैं. कल अमित शाह भी ये सवाल पूछ रहे थे कि वो क्लिप कैसे वायरल हुआ? कोई उन्हें याद दिलाए कि वो गृह मंत्रालय में हैं, गृह मंत्री हैं देश के. क्या मुख्यमंत्री को नहीं पता था कि क्या चल रहा है.”

उन्होंने आगे कहा, “खुद अमित शाह जी मणिपुर गए थे, क्या उन्हें नहीं पता था कि कितने जघन्य अपराध रिकॉर्ड हुए हैं महिलाओं के खिलाफ. जब तक वह क्लिप वायरल नहीं हुई तब तक अपराधियों को कोई सजा नहीं मिली. यह अहम सवाल है. इसके जवाब गृह मंत्री ने नहीं दिया. उम्मीद करती हूं कि पीएम अपनी जवाबदेही से पीछे नहीं हटेंगे और जवाब देंगे.”

लोकसभा में मणिपुर मुद्दे पर जोरदार हंगामा

अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में मंगलवार से तीखी बहस जारी है. पिछले दो दिनों में मणिपुर के मुद्दे पर संसद में तीखी बहस देखने को मिली है. बुधवार को भी अविश्वास प्रस्ताव पर जोरदार चर्चा हुई. बुधवार को राहुल गांधी ने पीएम मोदी के मणिपुर न जाने और उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए थे, वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर पलटवार किया था.

सुबह पहले सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा तो शाम को गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डिवेलपमेंटल इन्क्लुसिव अलायंस यानी इंडिया (INDIA) पर करारा प्रहार किया. इससे पहले स्मृति ईरानी ने राहुल के आरोपों पर पलटवार किया.

राहुल गांधी ने मणिपुर दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले मैं मणिपुर गया लेकिन हमारे पीएम नहीं गए क्योंकि उनके लिए मणिपुर भारत नहीं है. मणिपुर की सच्चाई है कि मणिपुर नहीं बचा है.

राहुल ने कहा कि आपने मणिपुर को दो भागों में बांट दिया. मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है. इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान को मारा है. हिंदुस्तान का मणिपुर में कत्ल किया है, मर्डर किया है.

राहुल ने कहा कि सरकार ने मणिपुर में भारत माता की हत्या की है, आप देशद्रोही हैं. राहुल गांधी ने कहा कि भारत हमारी जनता की आवाज है और उस आवाज की हत्या आपने की है. इसका मतलब आपने भारत माता की हत्या मणिपुर में की. आपने मणिपुर के लोगों को मारकर भारत माता की हत्या की. आप देशद्रोही हो. आप द्रेशप्रेमी नहीं हो.

वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मणिपुर पर राहुल के आरोपों पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि सबसे पहले आपकी पीठ पर, आपके आसन पर जिस तरह का आक्रामक व्यवहार देखा, उसका मैं खंडन करती हूं. मणिपुर खंडित नहीं. यह मेरे देश का अभिन्न अंग है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस का इतिहास खून से सना हुआ है.

उन्होंने कहा कि पहली बार राष्ट्र के इतिहास में भारत माता की हत्या की बात कही गई. कांग्रेस पार्टी यहां पर तालियां बजाती रही. जो भारत की हत्या पर ताली पीटी है, उसने इस बात का संकेत पूरे देश को दिया कि मन में गद्दारी किसके है? मणिपुर खंडित नहीं है, विभाजित नहीं है. देश का हिस्सा है.

इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर गृह मंत्री अमित शाह ने भी जवाब दिया. शाह ने अपने संबोधन में कहा कि विपक्षी गठबंधन को सरकार में अविश्वास हो सकता है लेकिन देश की जनता को पीएम मोदी में पूरा विश्वास है.

अमित शाह ने कहा, “मैं विपक्ष की इस बात से सहमत हूं कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ है. हमें भी दुख है. जो घटनाएं वहां हुई वो शर्मनाक है लेकिन उसपर राजनीति करना और भी ज्यादा शर्मनाक. ये भ्रम फैलाया गया कि सरकार मणिपुर पर चर्चा नहीं करना चाहती. हम पहले दिन से चर्चा पर तैयार थे लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं हंगामा चाहता था.”

अमित शाह बोले कि विपक्ष कहता है कि राज्य में आर्टिकल 356 (राष्ट्रपति शासन) क्यों नहीं लगाया. यह तब लगता है जब हिंसा के वक्त राज्य सरकार सहयोग ना करे. हमने डीजीपी बदला, उन्होंने स्वीकार किया. हमने चीफ सेक्रेटरी बदला, उन्होंने स्वीकार कर लिया. सीएम तब बदलना पड़ता है जब सहयोग ना करे, वहां के सीएम सहयोग कर रहे हैं.

अविश्वास प्रस्ताव के पहले दिन क्या क्या हुआ?

मणिपुर हिंसा को लेकर गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था. इसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया था. मंगलवार से विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई. चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, मणिपुर में हिंसा पर डबल इंजन सरकार पूरी तरह विफल रही. विपक्ष को मजबूरी में अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा, ताकि इस मामले पर प्रधानमंत्री का मौनव्रत तोड़ा जा सके. इतना ही नहीं गोगोई ने पूछा, प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए? मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों नहीं हटाया? उन्हें मणिपुर पर बोलने में 80 दिन क्यों लगे?

इसके जवाब में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, अविश्वास प्रस्ताव एक गरीब के बेटे के खिलाफ लाया गया है. प्रस्ताव उस शख्स के खिलाफ है जिसने जनता के कल्याण की बात की. उन्होंने सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए कहा, अविश्वास प्रस्ताव का एकमात्र मूलमंत्र है, बेटे को सेट करना और दामाद को भेंट करना. 

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष गलत समय पर गलत तरीके से अविश्वास प्रस्ताव लाया है. आज जब पीएम विश्व नेता के रूप में उभरे हैं और देश तेजी से बढ़ रहा है, तब ऐसे प्रस्ताव की कोई जरूरत नहीं थी.

उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार थी जिसने इस क्षेत्र (पूर्वोत्तर) पर विशेष ध्यान दिया और कई हिस्सों में रेल लाइनें बिछाई जा रही हैं. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री चाहते हैं कि पूर्वोत्तर विकास का इंजन बने. 

रिजिजू ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पूर्वोत्तर राज्यों के सांसदों से मुश्किल से ही मिलते थे, जबकि वे खुद राज्यसभा में असम का प्रतिनिधित्व करते थे. रिजिजू ने मणिपुर की मौजूदा समस्याओं के लिए पिछली कांग्रेस सरकारों के लापरवाह रवैये को जिम्मेदार ठहराया.   

क्यों लाया गया अविश्वास प्रस्ताव?

मोदी सरकार बहुमत में है. ऐसे में ये साफ है कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा. तो फिर ये सवाल यह उठता है कि पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार होने के बावजूद विपक्ष यह अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाया?

दरअसल, विपक्षी पार्टियों का यह मानना है कि पीएम मोदी मणिपुर के मामले पर सदन में कोई जवाब नहीं दे रहे हैं लेकिन जब अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा, तब प्रधानमंत्री को इस पर सदन के अंदर जवाब देना होगा. यही वजह है कि सभी विपक्षी पार्टियां यह जानती हुए कि उनके पास आंकड़ा नहीं है बावजूद इसके यह प्रस्ताव लोकसभा में लाया गया.

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