राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Madan Dilawar) और बांसवाड़ा सीट से चुने गए बाप पार्टी (BAP Party) के नेता और सांसद राजकुमार रोत (Rajkumar Roat)के बीच चल रही बयानबाजी ने सियासत में गर्मा-गर्मी का माहौल बना दिया है.
जिसके बाद अब इसी बयानबाजी के मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया गया है.
विधानसभा में चल रही बैठक के दौरान कांग्रेस पार्टी (Congress Party) सहित बाप पार्टी के नेताओं ने बीजेपी नेता मदन दिलावर पर कई आरोप लगाए और उन्हें इस्तीफा देने को कहा है.
विधानसभा में अपने खिलाफ बढ़ते माहौल को देखते हुए, दिलावर ने कहा कि आदिवासियों का अपमान करना मेरा इरादा नहीं था.
इसके अलावा उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि धर्म पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट करने वाला बयान भी बेबुनियाद था.
दिलावर ने विधानसभा बैठक के अंतराल के बाद सभी आदिवासियों से अपनी टिप्पणी को लेकर माफी मांगी है.
अंतराल से पहले कांग्रेस और बाप पार्टी के नेताओं ने बीजेपी के खिलाफ नारे लगाए थे.
विधानसभा के दूसरे भाग में विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि दिलावर ने आदिवासियों को हिंदू बताने वाले अपने बयान के लिए न तो माफी मांगी और न ही मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने उनके इस्तीफे की मांग की.
इससे सदन में एक बार फिर हंगामा शुरू हो गया, जिससे स्पीकर वासुदेव देवनानी को सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी.
विपक्ष ने शाम चार बजे के बाद दिलावर से अपने बयानों के लिए माफी मांगने और उनके इस्तीफे की मांग करते हुए एक बार नारेबाजी की.
दिलावर ने अपने बचाव में कहा कि आदिवासियों ने हमारी संस्कृति को संरक्षित किया है.
आदिवासी समुदाय के बारे में मेरे मन में कभी कोई नकारात्मक विचार नहीं आया. आदिवासी इस देश में प्राचीन काल से रहते आ रहे हैं और हर कोई इस समुदाय का सम्मान करता है.
इन सब की शुरूआत राजकुमार रोत द्वारा इंटरव्यू में कही गई एक बात से हुई है. राजकुमार रोत ने अपने बयान में कहा कि आदिवासी को हिंदू नहीं माना जा सकता.
जिसके बाद उनके इंटरव्यू पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि अगर वे हिंदू नहीं है, तो उनके डीएनए की जांच करा लेंगे.इन दोनों बयानों के बाद बीजेपी और आदिवासी नेताओं के बीच बयानबाज़ी शुरू हो गई.