मणिपुर में फुटहिल नागा समन्वय समिति (Foothill Naga Coordination Committee) ने 18 जुलाई को एक अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया था.
ये बंद उन रास्तों को लेकर था जो कुकी – ज़ो जनजातियों के आने-जाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं और जो नागा लोगों के इलाकों से होकर गुजरते हैं.
इस समिति का कहना है कि ये सड़कें उनके पूर्वजों की ज़मीन से होकर निकाली जा रही हैं. लेकिन उन्हें न तो इसके बारे में कोई जानकारी दी गई, न ही उनसे इसकी इजाज़त ली गई.
उनका कहना है कि ये उनके अधिकारों का सीधा उल्लंघन है.
FNCC का कहना है कि यह सिर्फ एक शांतिपूर्ण विरोध है. लेकिन उनका इरादा साफ है. वे अपने क्षेत्र, पहचान और सुरक्षा की रक्षा कने के लिए ऐसा कर रहे हैं.
संगठन के सचिव बी. रोबिन काबुई के मुताबिक, सड़क निर्माण की प्रक्रिया में नगा समुदाय से कोई सलाह नहीं ली गई और इसे परंपरागत ज़मीन के हक का अपमान माना जा रहा है.
इस पूरे मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए मणिपुर पुलिस ने समिति के नेताओं के साथ बातचीत की.
पुलिस का कहना है कि जो भी वास्तविक चिंताएं हैं, उन पर गंभीरता से ध्यान दिया जाएगा.
साथ ही FNCC से बंद हटाने की अपील भी की गई है.
वहीं कुकी – ज़ो समुदाय से जुड़े संगठन और परिषद् सड़क परियोजनाओं का बचाव कर रहे हैं.
उनका कहना है कि जर्मन टाइगर रोड़ (German-Tiger Road) जैसी सड़कों को कुकी – ज़ो लोगों ने ज़रूरत की वजह से खुद शुरू किया था.
कुकी – ज़ो परिषद के सूचना एवं प्रचार सचिव गिंज़ा वुअलज़ोंग ने कहा कि 3 मई 2023 को मणिपुर में हुई जातीय हिंसा के बाद कुकी ज़ो समुदाय के लिए मैतई बहुल इलाकों से गुजरना खतरनाक हो गया.
इसलिए उन्हें पुराने गांवों को जोड़ने वाले रास्तों को फिर से चालू करना पड़ा ताकि चुराचांदपुर और कांगपोकपी जैसे ज़िलों को जोड़ा जा सके.
कुछ मैतई संगठनों ने इन सड़कों को “ड्रग रूट” बताया है. कुकी – ज़ो परिषद ने इस आरोप को झूठा और दुर्भावनापूर्ण कहा है.
उनका कहना है कि ऐसे आरोपों का कोई सबूत नहीं है और ये सिर्फ कुकी – ज़ो समुदाय को बदनाम करने की कोशिश है.
कुकी – ज़ो परिषद ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह इन असत्य आरोपों को खारिज करे और इन सड़कों को आवश्यक संपर्क मार्ग मानते हुए उनके विकास पर ध्यान दे.
मणिपुर में पहले से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है और अब नागा और कुकी ज़ो समुदायों के बीच यह सड़क विवाद हालात को और जटिल बना रहा है.
सरकार और पुलिस लगातार प्रयास कर रही है कि बातचीत से समाधान निकले और सभी पक्ष शांति बनाए रखें.