HomeAdivasi Dailyआदिवासी नेता अरविंद नेताम RSS के मुख्य अतिथि बनेंगे

आदिवासी नेता अरविंद नेताम RSS के मुख्य अतिथि बनेंगे

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानि RSS के कार्यक्रम में अरविंद नेताम की मौजूदगी आदिवासी इलाकों में संघ के संगठनों के कार्यों को वैधता देगी. आदिवासी इलाकों में RSS के संगठन धर्मातरण और डीलिस्टिंग जैसे विवादस्पद मुद्दों को उठाते हैं. इसके अलावा आदिवासी बनाम वनवासी के मुद्दे पर फ़िलहाल RSS रक्षात्मक स्थिति में है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम को अपने आगामी वार्षिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए औपचारिक आमंत्रण भेजा है.  

यह कार्यक्रम 5 जून 2025 को रायपुर में आयोजित होने जा रहा है. इस कार्यक्रम में अरविंद नेताम की संभावित उपस्थिति को एक “बड़ा प्रतीकात्मक संदेश” माना जा सकता है.

अरविंद नेताम छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र से आने वाले देश के प्रतिष्ठित आदिवासी नेताओं में से एक हैं.  वे पूर्व में इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव सरकारों में मंत्री भी रह चुके हैं. 

उन्होंने आदिवासी अधिकारों की पैरवी करते हुए जंगल, ज़मीन, और संविधान की पांचवीं अनुसूची से जुड़े मुद्दों पर हमेशा खुलकर आवाज़ उठाई है.

RSS द्वारा अरविंद नेताम को अपने महत्वपूर्ण वार्षिक कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाना सिर्फ एक सामाजिक पहल नहीं बल्कि एक गहरी राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा जा सकता है. 

इस आयोजन में नेताम की भागीदारी आरएसएस के उस निरंतर प्रयास का हिस्सा मानी जा रही है जिसमें वह आदिवासी समुदाय के साथ अपने रिश्तों को गहरा करना चाहता है.

राष्ट्रीय स्वयं सेवा संघ की ओर से आदिवासी समाज को ‘वनवासी’ कहकर अपने सांस्कृतिक ढांचे में समाहित करने की कोशिशें चल रही थीं. लेकिन पिछले कुछ सालों में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने आदिवासियों को वनवासी कहने को एक बड़ा मुद्दा बना दिया.

इस मुद्दे पर आदिवासी इलाकों में काम करने वाले RSS के संगठनों को दिक्कत आ रही थी. क्योंकि राहुल गांधी यह स्थापित करने में कामयाब रहे कि जब आदिवासी को वनवासी कहा जाता है तो उसके संवैधानिक अधिकारों को नकारा जाता है.

अरविंद नेताम आज की तारीख़ में छत्तीसगढ़ या देश की चुनावी राजनीति में बहुत महत्व नहीं रखते हैं. लेकिन इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि वे देश के जाने माने आदिवासी नेता हैं.

अरविंद नेताम जैसे नेता की मौजूदगी संघ को वैधता (legitimacy) प्रदान कर सकती है, खासकर ऐसे समय में जब आदिवासी समाज में संविधानिक अधिकारों और पहचान को लेकर सजगता बढ़ी है.

इस लिहाज़ से अरविंद नेताम का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में शामिल होना एक प्रतीकात्मक संदेश ज़रूरी देता है. अरविंद नेताम के बहाने RSS को आदिवासी इलाकों में अपने काम को मजबूत करने में मदद मिल सकती है.

इसके साथ ही इस बहाने RSS यह संदेश भी देने का प्रयास कर रही है कि वह देश के वंचित तबकों की आवाज़ सुनता है. 

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