राजस्थान (Rajasthan) के प्रतापगढ़ जिले (Pratapgarh district) में एक आदिवासी महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने और मारपीट का मामला सामने आया है, जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है और महिला के पति समेत आठ लोगों को हिरासत में लिया है.
एडीजी क्राइम दिनेश एमएन को भी मौके पर भेजा गया है. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि सभ्य समाज में ऐसे अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है.
मुख्यमंत्री गहलोत के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने शुक्रवार रात अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) दिनेश एमएन को प्रतापगढ़ भेजा.
धरियावद के थाना प्रभारी पेशावार खान ने बताया कि गुरुवार को थाने क्षेत्र के पहाड़ी गांव में 21 वर्षीय महिला को उसके पति काना और अन्य रिश्तेदारों ने निर्वस्त्र कर घुमाया. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि महिला किसी अन्य पुरुष के साथ रिश्ते में थी और घटना गुरुवार की है.
पेशावार खान ने बताया कि महिला के पति काना सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है ओर अन्य लोगों की तलाश की जा रही है. पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने शुक्रवार देर रात जयपुर में कहा कि राज्य सरकार ने घटना को बहुत गंभीरता से लिया है और एडीजी दिनेश एमएन को प्रतापगढ़ भेजा गया है.
उन्होंने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छह टीम गठित की गई हैं. प्रतापगढ़ पुलिस अधीक्षक अमित कुमार गांव में कैंप कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
घटना का वायरल वीडियो प्रतापगढ़ जिले के धरियावद थाना क्षेत्र के पहाड़ा ग्राम पंचायत का बताया जा रहा है. आदिवासी महिला के साथ मारपीट हुई है और उसे निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया गया है.
DGP उमेश मिश्रा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि सर्वाइवर महिला के ससुराल पक्ष ने इस तरह का घृणास्पद काम किया है. महिला कहीं और चली गई थी, इससे नाराज होकर ससुरालवाले उसका अपहरण करके अपने गांव लेकर आए और फिर अपने घर के आसपास इस बर्बरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया है.
पुलिस ने बताया कि महिला करीब पांच महीने की गर्भवती थी.
डीजीपी उमेश मिश्रा ने कहा, “पुलिस ने सभी आरोपियों को चिन्हित कर लिया है. उनको पकड़ने की कार्रवाई जारी है. बहुत सारी टीमें इसमें लगी हुई हैं. पुलिस अधीक्षक खुद इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं. इस घटना की गंभीरता को देखते हुए एडीजी क्राइम दिनेश एमएन को भी मौके पर भेजा गया है.”
वहीं एसपी अमित कुमार ने बताया कि मामले में FIR दर्ज कर ली गई है. वहीं बांसवाड़ा आईजी एस. परिमाला धरियावद पहुंची हैं. एसपी अमित कुमार, कलेक्टर इंद्र जीत सिंह यादव भी धरियावद थाने में मौजूद हैं.
आईजी परिमाला ने कहा, “प्रतापगढ़ जिले में धरियावद तहसील में वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए हमने 12 टीमें गठित की हैं. 3 मुख्य आरोपियों को पकड़ने के दौरान वो घायल हो गए. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मामले में 10 आरोपी नामजद हैं. घटना में शामिल सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.”
CM गहलोत ने कहा- फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा केस
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत घटना को लेकर पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “प्रतापगढ़ जिले में पीहर और ससुराल पक्ष के आपसी पारिवारिक विवाद के चलते यह घटना हुई है. ससुराल पक्ष के लोगों के द्वारा एक महिला को निर्वस्त्र करने का एक वीडियो सामने आया है. पुलिस महानिदेशक को एडीजी क्राइम को मौके पर भेजने एवं इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.”
उन्होंने आगे लिखा, “सभ्य समाज में इस तरह के अपराधियों की कोई जगह नहीं है. इन अपराधियों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे डालकर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर सजा दिलवाई जाएगी.”
मामले को लेकर राजनीति शुरू
वहीं इस मामले को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक्स पर लिखा, “कांग्रेस का पाखंड भी अब निर्वस्त्र हो गया है. कहां हैं राहुल गांधी? कब आएंगे धरियावद? कब मांगेंगे अशोक गहलोत से इस्तीफा और करेंगे राजस्थान में राष्ट्रपति शासन की मांग?”
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि लोगों के सामने गर्भवती महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो वायरल हुआ लेकिन प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं थी.
वहीं उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि “ये दरिंदगी चीख-चीख कह रही है कि अशोक गहलोत जी की पूरी निष्ठा सियासत और कुर्सी बचाने में है. किसी महिला की इज्जत कैसे बचे, इसमें उनकी निष्ठा कभी नहीं दिखी. हम चाहते हैं कि अपराधियों को फास्ट ट्रैक के जरिए तत्काल से तत्काल सजा मिले.”
भाजपा नेता ने लोगों से वीडियो साझा नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि इस घटना ने राजस्थान को शर्मसार कर दिया है.