लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के लिए वोटों की गिनती चल रही है.अभी तक के रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) बहुमत का आंकड़ा पार करता नज़र आ रहा है.
वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक भी उलटफेर की उम्मीद कर रहा है. अब तक इंडिया ब्लॉक 220 से ज्यादा सीटों पर आगे है.
लोकसभा की 543 सीटों में से 47 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं. ऐसे में आज शाम तक साफ हो जाएगा कि आदिवासी समुदाय ने किस पार्टी को सत्ता की कुर्सी पर बैठाने के लिए चुना है.
इस बीच राजस्थान के बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत (Rajkumar Roat) आगे चल रहे हैं. वहीं भाजपा के महेंद्रजीत सिंह मालवीय दूसरे नंबर पर चल रहे हैं. वहीं कांग्रेस उम्मीदवार अरविंद सीता डामोर तीसरे स्थान पर हैं.
दोपहर 1 बजे तक राजमुमार को 4 लाख 79 हज़ार 895 वोट मिल चुके थे. अपने निकट प्रतिद्वंद्वी यानि महेंद्रजीत सिंह मालवीय से राजकुमार 1 लाख 88 हजार 502 वोट आगे चल रहे हैं.
बांसवाड़ा में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के जोरदार प्रचार अभियान ने दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों को झकझोर कर रख दिया है. कांग्रेस ने पहले ही बीएपी के सामने अपनी जमीन छोड़ दी है. जबकि भाजपा ने जीत के लिए मालवीय पर भरोसा जताया.
वर्तमान स्थिति ने दिग्गज नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय के लिए काफी उथल-पुथल मचा दी है, जो चुनाव से पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हैं. उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर होती दिख रही है.
वहीं मालवीय के पिछड़ने से भाजपा के अंदरूनी असंतुष्टों और कांग्रेस के मतदाताओं में अलग-अलग कारणों से खुशी की लहर है.
बीएपी की जीत ऐतिहासिक होगी क्योंकि नरेंद्र मोदी ने खुद भाजपा के लिए प्रचार किया था. जबकि किसी भी बड़े नेता ने बीएपी के लिए प्रचार नहीं किया था. बीएपी का अभियान सीमित संसाधनों और बिना मीडिया प्रचार के स्थानीय स्तर पर चलाया गया था.
बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र
2024 के चुनाव में आदिवासी बहुल बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर 72.77 प्रतिशत मतदान हुआ. यह मतदान 2019 में हुए मतदान से 0.13 प्रतिशत कम है. 2019 में बांसवाड़ा में 72.90 प्रतिशत मतदान हुआ था.
साल 2019 में इस सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच हुआ था. उस समय बीजेपी की टिकट पर कनक मल कटारा 7 लाख 11 हजार 709 वोट पाकर 3 लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए थे. जबकि कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार ताराचंद भगोरा भी कड़े संघर्षों के बाद करीब 4 लाख वोट हासिल कर पाए थे.
अब तक इस सीट पर 2024 से पहले कुल 17 चुनाव हो चुके हैं और इनमें सबसे अधिक 12 बार विजय कांग्रेस को मिली. हर बार कांग्रेस ने प्रत्याशी बदल कर ही जीत हासिल की है. बाद में बीजेपी ने इस लोकसभा क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत तो कर ली. कांग्रेस की तर्ज पर ही बीजेपी ने भी हर बार चुनाव में अपने प्रत्याशी बदल दिए.
बांसवाड़ा सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था. उस समय कांग्रेस के भीखाभाई यहां से सांसद चुने गए थे.