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बिहार की तर्ज़ पर त्रिपुरा में ‘SIR’ की माँग, चुनाव आयोग से मिले मोथा नेता

त्रिपुरा राज्य लंबे समय से बांग्लादेश से लगी सीमा और अवैध घुसपैठ की वजह से राजनीतिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील रहा है. राज्य की आदिवासी आबादी में गिरावट और असंतुलित प्रतिनिधित्व को लेकर कई बार आंदोलन हुए हैं.

जुलाई 2025 में त्रिपुरा के विभिन्न आदिवासी संगठनों और राज्य सरकार के मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से मुलाकात की.

इस प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ को एक गंभीर चिंता का विषय बताया और वोटर लिस्ट की गहन जांच व समीक्षा की मांग की.

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे प्रद्योत किशोर माणिक्य, जो TIPRA Motha पार्टी के संस्थापक और त्रिपुरा के प्रमुख आदिवासी नेता हैं.

उनके साथ त्रिपुरा सरकार के कम से कम दो मंत्री, और कई जनजातीय संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल थे.

इन नेताओं ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि जैसे बिहार में SIR (Systematic Investigation and Revision) के ज़रिये मतदाता सूची की समीक्षा की गई है, वैसे ही त्रिपुरा में भी SIR प्रक्रिया लागू की जाए, ताकि अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को वोटर लिस्ट से हटाया जा सके.tripura-voter-list-review-bangladeshi-infiltration-sir-demand

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