HomeLaw & RightsBJP विधायक पर आदिवासी भूमि खरीद का मामला: NCST ने 5 जिला...

BJP विधायक पर आदिवासी भूमि खरीद का मामला: NCST ने 5 जिला कलेक्टरों से मांगी रिपोर्ट

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक संजय पाठक के खिलाफ आदिवासी जमीन घोटाला मामले में गंभीर आरोपों की औपचारिक जांच शुरू की है.

मध्य प्रदेश के बीजेपी विधायक संजय पाठक (MLA Sanjay Pathak) के लिए आदिवासी जमीन खरीद का विवाद गहराता जा रहा है. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने उनके खिलाफ की गई शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पांच जिलों – कटनी, जबलपुर, उमरिया, डिंडौरी और सिवनी के कलेक्टरों को जांच के आदेश दिए हैं.

आयोग ने स्पष्ट कहा है कि सभी कलेक्टरों को एक माह के भीतर ही पूरी रिपोर्ट आयोग के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी.

नहीं तो आयोग संविधान के अनुच्छेद 338(क) के तहत सिविल कोर्ट जैसी शक्तियों का उपयोग करते हुए कलेक्टरों को समन जारी कर व्यक्तिगत रूप से तलब किया जाएगा.

दिव्यांशु मिश्रा की शिकायत के आधार पर जांच शुरू

कटनी निवासी दिव्यांशु मिश्रा की शिकायत के आधार पर आयोग ने यह जांच शुरू कराई है.

शिकायकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि विधायक पाठक ने बैगा और दूसरे आदिवासी समुदायों की बड़े पैमाने पर ज़मीन खरीदने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया.

शिकायत में दावा किया गया है कि विधायक ने अपने आदिवासी कर्मचारियों के नाम पर अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में ज़मीन खरीदी हैं.

दिव्यांशु मिश्रा के मुताबिक, बैगा आदिवासियों को धोखे में रखकर करीब 795 एकड़ जमीन खरीदी गई और इस भूमि का उपयोग आगे चलकर बॉक्साइट खदानों के लिए किया जाना प्रस्तावित है.

इसलिए उन्होंने अधिकारियों से चार कर्मचारियों – नत्थू कोल, पहलाद कोल, राकेश गोंड और राकेश सिंह गोंड की वित्तीय स्थिति, बैंक स्टेटमेंट और संपत्ति की जानकारी की जांच करने और उनकी पहचान की सच्चाई और आदिवासी ज़मीन हड़पने में शामिल किसी भी सांठगांठ की जांच करने के लिए कहा.

यह भी आरोप है कि एक कर्मचारी, नत्थू कोल ने डिंडोरी में अपनी जाति बदलकर गोंड कर ली, और ये चारों कर्मचारी ज़मीन खरीदने में आसानी के लिए अक्सर अपनी जाति बदलते रहते हैं.

शिकायतकर्ता दिव्यांशु मिश्रा ने बताया कि आदिवासी जमीन खरीद का यह मामला किसी सामान्य लेन-देन का नहीं बल्कि विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) बैगा जनजाति के साथ हुई सुनियोजित धोखाधड़ी का है.

उन्होंने कहा कि उन्होंने 15 सितंबर को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें विस्तार से बताया गया है कि किस तरह संजय पाठक ने अपने अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के नाम पर डिंडौरी जिले के बैगा बहुल इलाकों में बड़े पैमाने पर जमीन खरीदवाई है.

उनके मुताबिक यह जमीन असल में गरीब बैगा परिवारों से कम दाम पर धोखे से ली गई है.

दिव्यांशु का कहना है कि उनके पास वे सभी दस्तावेज, रजिस्ट्री की प्रतियां और जमीन से जुड़े प्रमाण हैं जिनसे साबित होता है कि ये सौदे सीधे-सीधे बेनामी खरीद का हिस्सा हैं.

राजनीतिक हलचल भी तेज़

इस मामले को लेकर राजनीतिक हलचल भी तेज़ है. कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा पहले ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इस मामले की लिखित शिकायत कर चुके हैं.

उनकी शिकायत के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने जनजातीय कार्य विभाग को जांच के निर्देश दिए. जिसके बाद विभाग ने डिंडौरी कलेक्टर को पत्र जारी कर आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है.

विधायक हीरालाल ने अपनी शिकायत में बताया है कि डिंडौरी जिले के बजाग तहसील में बैगा बहुल क्षेत्र की लगभग 1200 एकड़ जमीन बेनामी तरीके से गरीब आदिवासियों के नाम पर खरीदी गई है.

यह आरोप न केवल भूमि अधिग्रहण के कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन है बल्कि विशेष जनजातियों के संरक्षण को लेकर बनाए गए संवैधानिक दायित्वों की भी अवहेलना है.

सितंबर में शुरू हुई थी जांच

आयोग ने ज़मीन खरीद मामले में सितंबर महीने में ही जांच शुरू की है.

आयोग ने 15 सितंबर को लिखे अपने लेटर में डिंडोरी, उमरिया, कटनी, जबलपुर और सिवनी के पांच कलेक्टरों से जांच पूरी करने और 30 दिनों के अंदर रिपोर्ट जमा करने को कहा गया था.

लेकिन आयोग को सितंबर में की गई इस शिकायत पर केवल डिंडौरी कलेक्टर ने ही अपनी रिपोर्ट भेजी है. जबकि सिवनी, जबलपुर, कटनी और उमरिया के कलेक्टरों ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है.

इसलिए NCST ने उमरिया, कटनी, जबलपुर और सिवनी चारों जिले के कलेक्टरों को नोटिस भेजा है. जिसमें उनसे जांच पूरी करने और 30 दिनों के अंदर रिपोर्ट जमा करने या कमीशन के सामने खुद पेश होने को कहा गया है.

आदिवासी जमीन घोटाले का यह मामला सामने आने के बाद विधायक संजय पाठक के खिलाफ पिछले महीने कटनी जिले में आदिवासियों ने जोरदार प्रदर्शन किया था.

यूथ कांग्रेस, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सहित कई आदिवासी संगठनों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव भी किया था.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments