HomeMain Bhi Bharatसिकल सेल: ख़ामोशी से आदिवासियों को निगल रही है

सिकल सेल: ख़ामोशी से आदिवासियों को निगल रही है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही बीजेपी की सरकार की एक ख़ास बात ये है कि वह जब कोई घोषणा करती है तो उस घोषणा को पूरा करने की एक तारीख भी तय कर देती है. मसलन सिकल सेल उन्मूलन के लिए मोदी सरकार ने साल 2047 तक की समय सीमा तय कर दी है. यह बात दीगर है कि शायद ही उसकी कोई घोषणा समय से पूरी हुई है.

मध्य प्रदेश के शहडोल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले 80 सालों में सिकल सेल एनिमिया (Sickel Cell Anemia) को कभी गंभीरता से नहीं लिया गया.

उन्होंने यह दावा भी किया कि अब बीजेपी की सरकार आदिवासियों को सिकल सेल से मुक्ति दिलाएगी. इसके साथ ही उन्होने यह घोषणा भी की थी कि आज़ादी के अमृतकाल में सिकल सेल को ख़त्म करने के लिए एक मिशन चलेगा.

यह भाषण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2023 में दिया था.

उनके दावे और वादे पर कितना अमल किया गया है यह समझने के लिए हमने मध्य प्रदेश के ही एक ज़िले के आदिवासी इलाके को चुना.

हम लोग मध्यप्रदेश के रतलाम ज़िले की सैलाना तहसील पहुंचे जहां लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या आदिवासियों की ही है.

अपनी पड़ताल (invasitation) में हमने क्या पाया देखिए इस रिपोर्ट में –

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