समाज में परिवर्तन तब होता है जब कोई बिना शर्त दूसरों के लिए कुछ करना चाहता है. ऐसे में रास्ते में आने वाली हर मुश्किल सुबह की ओस की तरह गायब हो जाती है जब हमारे समाज में असहाय लोगों की स्थिति में सुधार करने की सोच हो.
दरअसल इंडियन रिवेन्यू सर्विस एस के एक अधिकारी के वीकेंड ट्रिप ने अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहे रवा समुदाय के हजारों बच्चों की जिंदगी बदल दी है. आज से करीब 2 साल पहले एक आईआरएस अधिकारी पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार ज़िले के चिलपाता रवा बस्ती नाम के गांव में पहुंचे थे.
आईआरएस अधिकारी अतुल कुमार पांडे ने रवा समुदाय के बच्चों के जीवन को बदलने का अपना मिशन शुरू किया था. दो साल की कड़ी मेहनत और कुछ स्थानीय कारोबारी समुदाय की मदद से अतुल कुमार ने जो हासिल किया है, उसके बारे में गांव में किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा.
अतुल कुमार दो साल पहले सिलीगुड़ी में तैनात थे, जब वह इस खूबसूरत गांव में एक वीकेंड ट्रिप के दौरान इस समुदाय के संपर्क में आए तो उन्हें सीधे-साधे रवा समुदाय के लोगों ने पहली बार में ही मन मोह लिया. फिर उन्होंने रवा समुदाय के बच्चों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने और शिक्षा उपलब्ध कराने की बड़ी पहल की.
पांडे ने सबसे पहले दूरदराज के इस गांव के इकलौते प्राइमरी स्कूल का चेहरा बदला. उन्होंने स्मार्ट क्लास और कंप्यूटर लगाकर इसे कई हाई-प्रोफाइल निजी स्कूलों से बेहतर बनाया.
अतुल कुमार के रवा बस्ती गांव पहुंचने से पहले स्कूल की जर्जर बिल्डिंग बच्चों को आकर्षित नहीं कर पा रही थी. अब स्कूल की बिल्डिंग खूबसूरत हो गई है, इसकी बाहरी दीवारों पर जनजाति त्योहारों की अलग-अलग तस्वीरें बनाई गई है. इलाके की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दीवारों पर उकेर दिया गया है.
स्कूल के टॉप फ्लोर पर state-of-the-art लाइब्रेरी बनाई गई है. आईआरएस अधिकारी ने रवा समुदाय के बच्चों के जीवन को बदलने के लिए स्थानीय कारोबारी समुदाय और प्रशासन की मदद से इस मिशन की शुरुआत की.
आईआरएस अधिकारी की कोशिश के बाद रवा समुदाय के बच्चों में पढ़ाई को लेकर काफी उत्साह जगा है. रवा समुदाय के लोगों के लिए पांडे ने सही तरीके की शिक्षा, शराब और बेरोजगारी जैसी समस्या के समाधान आदि पर चर्चा कर स्थानीय लोगों को शामिल कर इसे ठीक करने की मुहिम शुरू की.
इन गांव के बच्चों के लिए शिक्षा हमेशा एक समस्या है. अतुल कुमार पहले समस्या को हल करना चाहते हैं क्योंकि उनका मानना है कि उचित शिक्षा के साथ शराब, बेरोजगारी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हल हो जाएंगी.
उन्होंने कहा, “मैं इन आदिवासी बच्चों को शिक्षित करना चाहता हूं. वे इतने प्रतिभाशाली हैं लेकिन उन्हें जीवन में अच्छा करने का अवसर नहीं मिलता है.”
वह भविष्य के सिविल सेवक बनने के सपनों को आगे बढ़ाने के लिए कुछ लड़कों और लड़कियों की भी मदद कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि सिर्फ शिक्षा में ही हमारे देश के आदिवासी समुदायों में सभी समस्याओं को मिटाने की शक्ति है. अपने सपने को साकार करने के लिए उन्हें आदिवासी गांव और उसके आसपास कई युवाओं का समर्थन मिल रहा है.
अतुल कुमार वास्तव में रवा समुदाय के लोगों को शिक्षित करने के साथ उनकी संस्कृति को संवारने के लिए भी काम कर रहे हैं. जनवरी 2022 में उन्होंने गांव में रुनतुक फेस्टिवल आयोजित किया जिसमें रवा समुदाय के लोगों ने अपने कल्चरल हेरिटेज का प्रदर्शन किया.
उन्होंने कारोबारी समुदाय की मदद से रवा समुदाय के लोगों के लिए रुनतुक मंदिर का निर्माण किया है. इसके साथ ही रवा समुदाय के लोगों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए भी पांडे ने कई योजनाएं शुरू की है.
अतुल कुमार पांडे फिलहाल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इनकम टैक्स विभाग में ज्वाइंट कमिश्नर के पद पर काम कर रहे हैं. वो उत्तर बंगाल के टोटो में दो अन्य आदिवासी समुदायों के लिए भी काम कर रहे हैं.