केरल की लोक गायिका ननचम्मा, जो एक आदिवासी समुदाय से हैं, ने सच्चिदानंदन केआर (सची) द्वारा निर्देशित फ़िल्म ‘अय्यपणम कोशियुम’ के लिए 68वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार में बेस्ट प्लेबैक सिंगर का अवार्ड जीता है.
ननचम्मा ने फ़िल्म में ‘कलक्कथा’ गाना गाकर मलयाली दर्शकों का दिल जीत लिया था. इस गाने के लिए उन्होंने काफी सराहना भी बटोरी थी. यूट्यूब पर इस गाने के रिलीज होने के बाद खूब लोकप्रियता मिली थी, और एक महीने में ही इस गाने को 10 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिले थे.
यह गीत खुद ननचम्मा ने इरुला भाषा में लिखा था और जेक बिजॉय ने कंपोज किया था. ननचम्मा को इससे पहले फिल्म ‘अय्यपणम कोशियुम’ के लिए साल 2020 में केरल राज्य फ़िल्म पुरस्कार में एक विशेष पुरस्कार मिला था.
ननचम्मा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “मैं पुरस्कार जीतकर काफी खुश हूँ, लेकिन यह बेहद दुख की बात है कि वह (फिल्म निर्देशक सची) यह खबर सुनने के लिए हमारे साथ नहीं हैं. उन्होंने ही मुझे गाने के लिए कहा था और मैंने गाया.”
वहीं फ़िल्म निर्माता अदूर गोपालकृष्णन ने ननचम्मा को मिले पुरस्कार पर खुशी व्यक्त की. उन्होंने कहा, “आमतौर पर लोक-गायन को मुख्यधारा के सिनेमा में जगह नहीं मिलती है. यह वाकई में एक दुर्लभ उपलब्धि है.”
इतना ही नहीं ननचम्मा ने फ़िल्म में कन्नम्मा की मां के किरदार के रूप में भी अहम भूमिका निभा चुकी हैं. इस फ़िल्म में वह अभिनेता बीजू मेनन द्वारा निभाए गए किरदार अय्यप्पन नायर की पत्नी बनी थीं. बीजू मेनन ने ‘अय्यपणम कोशियुम’ फ़िल्म के लिए 68वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार जीता है.
ननचम्मा आज़ाद कला समिति की लोकगायिका हैं, जिसका नेतृत्व अट्टपाड़ी के आदिवासी कलाकार पज़ानी स्वामी करते हैं. ननचम्मा की आजीविका का साधन खेती और मवेशी हैं. वह ज्यादातर लोक गीत गाती हैं जो पीढ़ियों से चले आ रहे हैं. उन्होंने पहली बार सिंधु साजन द्वारा निर्देशित एक डॉक्यूमेंट्री के लिए गाया था.
ननचम्मा ने केरल सरकार के आवास कार्यक्रम लाइफ मिशन के लिए प्रचार गीत गाया और यह पहली बार था जब केरल में जनसंपर्क कार्यक्रम के लिए इरुला भाषा का इस्तेमाल किया गया था.
वहीं ‘अय्यपणम कोशियुम’ फ़िल्म को चार पुरस्कार मिले हैं. इनमें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक (सची), सहायक अभिनेता (बीजू मेनन), महिला पार्श्व गायिका (ननचम्मा) और स्टंट कोरियोग्राफी- थिंकलाज़्चा निश्चयम का नाम शामिल है.
सेना हेगड़े की छोटे बजट की यह फ़िल्म ओटीटी पर रिलीज़ हुई थी और दर्शकों को काफी पसंद आई थी. इसे सर्वश्रेष्ठ मलयालम फिल्म का पुरस्कार मिला है. हेगड़े ने इसके लिए दर्शकों का आभार जताया.
उन्होंने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “मैं दर्शकों की तरफ से मिल रही प्रतिक्रिया से बेहद खुश हूँ और अब राष्ट्रीय स्तर पर हमें जो शानदार स्वागत मिल रहा है, उसके लिए मैं बहुत आभारी हूँ.”
(Image Credit: The Times of India)