HomeAdivasi Dailyमहाराष्ट्र: आदिवासी आवासीय स्कूल की 100 से अधिक छात्राओं को फूड प्वाइजनिंग,...

महाराष्ट्र: आदिवासी आवासीय स्कूल की 100 से अधिक छात्राओं को फूड प्वाइजनिंग, सभी अस्पताल में भर्ती

इनमें से 40 को गढ़चिरौली के सामान्य अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि 69 का धनोरा ग्रामीण अस्पताल में इलाज चल रहा है. ऐसे मामले महाराष्ट्र के अन्य ज़िलों से भी सुने को मिले हैं.

महाराष्ट्र (Maharashtra) के गढ़चिरौली ज़िले (Gadchiroli) में 109 आदिवासी लड़कियां स्कूल (109 tribal girl students) का खराब खाने के बाद बिमार पड़ गई हैं. इन सभी का स्वास्थ्य इतना खराब हो गया की इन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.

यह घटना गढ़चिरौली के सोडे गाँव के आश्रम शाला (आवासीय विद्यालय) की है, जहां बुधवार के दोपहर के करीब 12:30 बजे सभी छात्राओं को भोजन दिया गया.

लेकिन खाने के कुछ समय बाद ही कुछ छात्राओं को उल्टी और कुछ के बहुत तेज़ सर में दर्द होना शुरू हो गया.
इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक इस स्कूल की 109 छात्राओं को सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया है.

अब इनमें से 40 को गढ़चिरौली के सामान्य अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है, जबकि 69 का धनोरा ग्रामीण अस्पताल में इलाज चल रहा है.

वहीं घटना की सूचना पर शिक्षा अधिकारियों की टीम ने स्कूल का दौरा किया और छात्राओं का हालचाल लिया.

छात्राओं के बीमार पड़ने पर खाने की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. विभागीय और परियोजना के अधिकारियों ने अस्पताल में छात्राओं से मुलाकात की. इसके अलावा खाद्य प्रशासन विभाग ने खाने के नमूनों को जांच के लिए भेजा है.

स्कूल के बारे में मिली जानकारी के अनुसार इस विद्यालय में 350 छात्राएं पढ़ती है.

महाराष्ट्र के आश्रम स्कूल की ये पहली घटना नहीं है. कुछ महीने पहले ही राज्य के भंडारा ज़िले के आश्रम स्कूल में 30 बच्चों को खराब खाने की वज़ह से स्वास्थ्य बिगड़ गया था. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.

इस घटना के बाद स्कूल के हॉस्टल में रहने वाले 325 छात्र-छात्राओं की जांच की गई.

ऐसी घटनाएं सिर्फ महाराष्ट्र से नहीं बल्कि देश के अलग अलग राज्यों से सुनने को मिलती रहती है. कुछ महीने पहले ही मध्यप्रदेश के जबलपुर ज़िले में एक सरकारी स्कूल के हॉस्टल मेस में रात के खाने के बाद लगभग 100 छात्र-छात्राओं को फूड पॉइजनिंग की शिकायत आई और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया.

इन घटनाओं के बाद ये तो स्पष्ट है की सरकार को सरकारी स्कूल और हॉस्टल में मिलने वाले खाने की समय समय पर जांच करवानी चाहिए ताकि इस तरह की और घटनाएं होने से रूक सके.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments