पुलिस ने रविवार को श्रीमदुरई पंचायत से दो महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया. इस इलाके के आदिवासियों ने इन तीन लोगों पर चार आदिवासी बच्चों की तस्करी की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
यह मामला तमिलनाडु के गुडालूर का है. गांववालों ने बताया कि ये तीनों शनिवार को एक गाड़ी में यहां आए थे और केरल में घरेलू काम करवाने के लिए बच्चों को ले जाना चाहते थे. इसके लिए वे अभिभावकों से संपर्क भी कर रहे थे.
यह बताया गया है कि माता पिता को रुपयों का झांसा दे कर 4 लड़कियों के माता – पिता को मनाने की कोशिश हो रही थी.
जब अभिभावकों के मना करने पर भी वे नहीं माने तो उनको शक होने लगा और उनके बीच लड़ाई भी हुई.
जैसे ही गाँववालों का शक गहराया तो उन्होंने गुडालूर पुलिस स्टेशन में इनकी शिकायत कर दी और अपने बच्चों को इनके हाथ सौंपने के बजाय इन केरलवासियों को पुलिस के हवाले कर दिया.
गिरफ्तार किए गए तीन लोगों के नाम मुभारीश लाल (33), वाई सुनीरा कुरूनियन और आई बायरुसा (37) बताए गए हैं. आई बायरूसा मुभारीश लाल का ही कोई रिश्तेदार है. तीनों केरल के मालापुरम जिले के मूल निवासी हैं.
सुनीरा कुरुनियन श्रीमदुरई पंचायत में ही रहती थी. बताया गया है कि सुनीता एक बिचौलिया है.
गांववालों ने बताया कि एक आदिवासी लड़की ने पहले भी तीन महीने तक मुभारीश के घर पर काम किया था और हाल ही में वह गांव लौटी थी.
वह उसे फ़िर से अपने साथ ले जाना चाहता था. इसके लिए वह पूरी योजना और तैयारी के साथ आया था.
जिन दो महिलाओं के साथ मुभारिश आया था, उनके साथ वह और भी ऐसे घरों में गया था जहां, उसे ऐसे कामों के लिए बच्चे मिल सकें.
वे जिन चार बच्चों को ले जाने की फ़िराक में थे, उनके माता – पिता को मनाते वक्त तस्करों ने प्रति माह 5000 रूपये वेतन के रूप में भेजने का भी वादा किया था.
पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान उन्हें पता चला कि जो आदिवासी लड़की अभी कुछ दिनों पहले मुभारिश के यहां से आई है, उसने नौकरी छोड़ दी थी.
क्योंकि उसे 5,000 रुपये प्रति महीने देने का वादा किया गया था, लेकिन उसे केवल 3,000 रुपये ही दिए जा रहे थे.
अधिकारियों ने बताया कि गुडालूर में इस तरह की तस्करी का यह पहला मामला है.
पुलिस ने आईपीसी की धारा 370 और बाल श्रम अधिनियम की धारा 14 के साथ धारा 3 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
गुड़ालुर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नीलगिरी जिला बाल संरक्षण अधिकारी एस शोभना को पता चला है कि चारों लड़कियों ने कुंगरू मूला सरकारी स्कूल से सातवीं की है जिसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी.
बाल संरक्षण अधिकारी शोभना ने मंगलवार को इन बच्चियों के अभिभावकों को मिलने के लिए बुलाया है. उन्होंने बताया कि वे लड़कियों की पढ़ाई जारी रखने के संबंध में उनसे बातचीत करेंगी.