मध्य प्रदेश की विंध्याचल रेंज में स्थित पन्ना ज़िले में बुधवार को एक आदिवासी मज़दूर को खदान में 19.22 कैरेट का हीरा मिला है. इस हीरे की अनुमानित कीमत 75 लाख से 1 करोड़ के बीच है.
ये हीरा राजू गोंड नामक एक आदिवासी मज़दूर को पन्ना के बाहरी इलाके कृष्णा कल्याणपुर में एक ज़मीन की खुदाई करते वक्त मिला.
जानकारी के अनुसार पन्ना ज़िले के अहिरगंवा गांव में रहने वाले राजू गोंड ने करीब दो महीने पहले इस खदान को पट्टे पर लिया था.
उसने खनन विभाग से अपने पिता चुनवादा गोंड/चुन्नूवाड़ा गोंड (Chunnuwada Gond) के नाम पर 200 रुपये की रसीद भी कटवाई थी. इसके बाद उसे 8×8 मीटर की जगह खुदाई के लिए दी गई थी.
राजू गोंड एक पार्ट-टाइम ट्रेक्टर चालक है. मानसून में ज़्यादा काम न होने के कारण राजू इस दौरान पट्टे पर ली गई ज़मीन पर खनन का काम करता है.
राजू ने बताया कि पिछले दस सालों से मानसून के महीनों में उसकी सामान्य दिनचर्या के अनुसार ही वह बुधवार को भी सुबह-सुबह मिट्टी खोदने और छानने के लिए निकला था. छोटे भाई राकेश के साथ खुदाई कर रहे राजू की नज़र एक चमकते हुए पत्थर पर पड़ी.
इतने वर्षों से इस क्षेत्र के आस-पास की ज़मीन पर खुदाई करने के कारण उन्हें यह एहसास हुआ कि यह कोई सामान्य खदान नहीं है. इसके बाद जब उन्होंने वहां खुदाई करनी शुरु की तो यह हीरा उनके हाथ लगा.
राजू ने इस बहुमूल्य हीरे को पन्ना के संयुक्त कलेक्ट्रेट स्थित राज्य खनन कार्यालय में जमा करा दिया है.
पन्ना हीरा कार्यालय के अधिकारी अनुपम सिंह ने बताया कि इस हीरे की नीलामी की जाएगी.
ज़िला कलेक्टर सुरेश कुमार ने भी कहा कि सामान्य प्रक्रिया के अनुसार, इस हीरे को अगली हीरा नीलामी में बोली के लिए रखा जाएगा और नियमानुसार नीलामी के बाद 12 फीसदी टैक्स और 1 प्रतिशत टीडीएस काटकर बाकी रकम हीरा धारक को दे दी जाएगी.
राजू ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हीरे की बिक्री से मिलने वाले पैसे से वह अपने परिवार को बेहतर जीवन देने के लिए कोई कारोबार शुरू करना चाहते हैं और खेती के लिए जमीन भी खरीदना चाहते हैं.
उन्होंने बताया कि हीरे से मिलने वाले पैसे से वह 4 लाख रूपये का कर्ज़ा भी चुकाएंगे. राजू की छह बेटियां और एक बेटा है और वह इस पैसे को अपने बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करना चाहते हैं.
राज्य के बुंदेलखंड क्षेत्र के पन्ना जिले में 12 लाख कैरेट के हीरे का भंडार होने का अनुमान है. इसी वजह से पन्ना को हीरों का शहर भी कहा जाता है.
पन्ना की यह खदान पूरे देश में ऐसी एकमात्र हीरा खदान है और केंद्र सरकार की राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (National Mineral Development Corporation) के पास इसकी खुदाई के लिए पूरी तरह से मशीनीकृत व्यवस्था है.
इसके अलावा राज्य खनन विभाग निजी कंपनियों या व्यक्तियों को खुदाई के लिए जमीन के छोटे टुकड़े पट्टे पर भी देता है.