छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक अहम और दूरदर्शी संकल्प लिया है.
उन्होंने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य अब यह होगा कि छत्तीसगढ़ के हर नागरिक तक विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचे.
चाहे वह शहर में रहने वाला हो या दूर-दराज के आदिवासी अंचल में, किसी को भी इलाज के लिए परेशान न होना पड़े.
मुख्यमंत्री ने यह संकल्प तब लिया जब उन्हें राज्य के विभिन्न हिस्सों से स्वास्थ्य सेवाओं की समस्याओं की जानकारी मिली.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य हर व्यक्ति का मूल अधिकार है और सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस अधिकार को हर नागरिक तक पहुंचाए.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में, जहां बड़ी संख्या में लोग आदिवासी क्षेत्रों में रहते हैं, वहां विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
आदिवासी इलाकों में आज भी कई जगहों पर अस्पतालों की कमी है, डॉक्टरों की संख्या सीमित है और जरूरी दवाएं समय पर नहीं पहुंच पातीं.
मुख्यमंत्री का कहना है कि अब इस स्थिति को बदलना है. उन्होंने घोषणा की है कि सरकार आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाएगी.
इसके तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट, टेलीमेडिसिन, और डिजिटल हेल्थ सुविधाओं को गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा.
राज्य सरकार जल्द ही बड़े पैमाने पर डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती भी करेगी.
इसके साथ ही उन्हें बेहतर वेतन और सुविधाएं भी दी जाएंगी ताकि वे ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए प्रेरित हों.
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि हर नागरिक को डिजिटल हेल्थ कार्ड दिया जाएगा, जिसमें उसका पूरा इलाज से जुड़ा रिकॉर्ड रहेगा.
इससे डॉक्टरों को मरीज का सही और पूरा इतिहास मिलेगा और इलाज में आसानी होगी.
साथ ही इससे सरकारी योजनाओं के लाभ सीधे मरीज तक पहुंच सकेंगे.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह संकल्प केवल एक घोषणा नहीं है, बल्कि एक बड़ी सोच का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है – एक स्वस्थ छत्तीसगढ़.
उनका मानना है कि जब तक राज्य का हर नागरिक स्वस्थ नहीं होगा, तब तक विकास अधूरा रहेगा.
उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे इस दिशा में तेजी से काम करें और हर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करें.
मुख्यमंत्री का यह संकल्प जनता में एक नई उम्मीद जगा रहा है.
अगर यह योजनाएं सही ढंग से लागू होती हैं, तो आने वाले समय में छत्तीसगढ़ उन गिने-चुने राज्यों में शामिल हो सकता है जहां स्वास्थ्य सेवाएं वास्तव में हर घर तक पहुंची होंगी.
आदिवासी अंचलों के लिए यह एक नई शुरुआत होगी, जो उन्हें न केवल बीमारी से राहत दिलाएगी बल्कि आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी प्रेरित करेगी.