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संसद में मणिपुर के नए सांसद ने राज्य की जातीय हिंसा की तुलना विभाजन से की

कांग्रेस सांसद ने कहा कि आप जवानों का अपमान कर रहे हैं. आप उन युवाओं का अपमान कर रहे हैं जो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का झंडा उठाते हैं. आप मैरीकॉम, कुंजूरानी और मीराबाई चानू से कह रहे हैं कि आपका और आपके राज्य का इस देश में कोई मतलब नहीं है.

मणिपुर (Manipur) से पहली बार कांग्रेस सांसद बने एक सांसद ने सोमवार को लोकसभा में अपने पहले भाषण के दौरान पूर्वोत्तर राज्य में चल रही जातीय अशांति की तुलना भारत के विभाजन के समय हुई हिंसा से की.

इनर मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र के सांसद अंगोमचा बिमोल अकोईजाम (Angomcha Bimol Akoijam) ने राज्य में साल भर से चल रही उथल-पुथल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी और लोगों की पीड़ा को दूर करने में उनकी “अक्षमता” पर भी सवाल उठाए.

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए अकोईजाम ने मणिपुर पर टिप्पणी की जो करीब आधी रात तक जारी रही.

उन्होंने कहा, “मैं उस समय चुप हो जाऊंगा जब प्रधानमंत्री अपना मुंह खोलेंगे और एक राष्ट्रवादी पार्टी कहेगी कि मणिपुर भारत का हिस्सा है और हम इसके लोगों की परवाह करते हैं. तभी मैं राष्ट्रवाद को स्वीकार करूंगा.”

कांग्रेस सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री अब तक एक शब्द नहीं बोले. अभिभाषण में भी एक शब्द नहीं बोला गया…एक प्रदेश की त्रासदी को नजरअंदाज किया गया, यह हैरान करने वाला है.

अकोईजाम ने कहा, ‘‘आप जवानों का अपमान कर रहे हैं. आप उन युवाओं का अपमान कर रहे हैं जो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का झंडा उठाते हैं. आप मैरीकॉम, कुंजूरानी और मीराबाई चानू से कह रहे हैं कि आपका और आपके राज्य का इस देश में कोई मतलब नहीं है.’’

राजनीति में आने से पहले जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में अध्यापन करने वाले अकोईजाम ने कहा कि मणिपुर में घट रही घटनाओं पर भारतीय राज्य मूकदर्शक बना हुआ है.

उन्होंने कहा, “60 हज़ार लोगों का बेघर होना कोई मज़ाक नहीं है; 200 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और गृह युद्ध की स्थिति बन गई है… लोग हथियारों से लैस हैं और अपने गांवों की रक्षा के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं. भारतीय राज्य एक साल से इस त्रासदी पर मूकदर्शक बना हुआ है.”

राज्य की राज्यपाल अनुसुइया उइके (Anusuiya Uikey) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण पिछले साल 3 मई से अब तक 219 लोगों की मौत हो चुकी है और 60 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं.

सांसद अकोईजाम ने इस बात पर अफसोस जताया कि 18वीं लोकसभा में राष्ट्रपति के पहले संबोधन में मणिपुर का जिक्र नहीं किया गया, जबकि यह देश के सबसे अधिक सैन्यीकृत क्षेत्रों में से एक है.

उन्होंने कहा, “मणिपुर का हर सेंटीमीटर केंद्रीय सशस्त्र बलों से घिरा हुआ है. 60 हज़ार लोग बेघर हैं और हजारों गांव नष्ट हो गए हैं… फिर भी इसका कोई जिक्र नहीं किया गया है.”

उन्होंने आगे कहा कि यह “औपनिवेशिक और उत्तर-औपनिवेशिक काल के बीच निरंतरता की याद दिलाता है.

मणिपुर के सांसद ने इस तरह के अहम मुद्दे पर देर रात संबोधित करने की विडंबना की ओर इशारा करते हुए कहा कि मणिपुर वास्तव में दिल्ली से दो घंटे दूर है.

उन्होंने कहा कि हम नई दिल्ली की धुन पर नाच रहे हैं. साथ ही इस बात पर प्रकाश डाला कि जाह्नु बरुआ (Jahnu Barua) जैसे लोग लंबे समय से पूर्वोत्तर के लिए एक अलग समय क्षेत्र की वकालत कर रहे थे.

अकोईजाम ने कहा, “मुझे यह सवाल सदन से पूछना चाहिए. क्या यह चुप्पी पूर्वोत्तर और ख़ास तौर पर मणिपुर के लोगों को यह संदेश दे रही है कि भारत की योजना में आपका कोई महत्व नहीं है?”

उन्होंने राष्ट्र की रक्षा करने और इसके लिए सम्मान अर्जित करने में मणिपुर के लोगों के महत्वपूर्ण योगदान का भी हवाला दिया.

उन्होंने कहा, “मेजर लिशम जोतिन, जिन्हें सुसाइड बॉम्बर से लड़ते हुए अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था, मणिपुरी थे. आप उनके राज्य का अपमान कर रहे हैं. मेजर नांगम जॉयदत्ता, जिन्हें 1987 में श्रीलंका में शांति सेना के हिस्से के रूप में अपना कर्तव्य निभाते हुए वीर चक्र से सम्मानित किया गया था… आप इस व्यक्ति का अपमान कर रहे हैं. आप उन युवाओं का अपमान कर रहे हैं जो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तिरंगा थामे हुए हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर में संकट को नजरअंदाज करना मैरी कॉम, कुंजारानी, ​​लैशराम सरिता, मीराबाई चानू, रतन थियाम और अरिबम श्याम शर्मा जैसे इसके दिग्गजों की उपलब्धियों का अनादर करने के समान है.

अकोईजाम के संबोधन के बाद झारखंड के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बीच-बचाव करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरी कॉम को टिकट दिया है. उन्होंने मणिपुर में जो कुछ हो रहा है उसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया.

दुबे ने कहा, “हमने मणिपुर को एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी दिया. मेरे चाचा को मणिपुर में गोली मार दी गई थी; वह सीआरपीएफ के डीआईजी थे. आप शहादत के बारे में नहीं जानते.”

इस पर अकोईजाम ने जवाब दिया, “क्या आप इस तथ्य को नकार सकते हैं कि हम आजादी के 75 साल बाद पूर्वोत्तर के इतिहास को शामिल करने की बात कर रहे हैं? यह एक क्लासिक बहिष्कार है.”

(Photo Credit: Screenshot from YouTube/@SansadTV)

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