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मध्य प्रदेश के बजट में महिलाएं, विकास कार्य और आदिवासी केंद्र में है

मध्य प्रदेश ने अपने इस साल के बजट में महिलाएं, विकास कार्य और आदिवासियों को केंद्र में रखा है.

बुधवार को मध्य प्रदेश सरकार ने 2024-25 में 3.65 लाख करोड़ रूपये का बजट पेश किया था. इस बजट का मुख्य केंद्र विकास कार्य, महिलाएँ और आदिवासी हैं.

इसके अलावा बजट में किसी भी नए कर की घोषणा नहीं की गई है.

राज्य के विधानसभा में बजट पेश करने के दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने नर्सिंग कॉलेज स्कैम को लेकर मुद्दा उठाया था.

मध्य प्रदेश में सीबीआई कई नर्सिंग कॉलेजों के कामकाज में घोटाले की जांच कर रही है.

इन कॉलेजों के इंफ्रास्ट्रक्चर बस कागज़ों में ही मौजूद थे.इसके अलावा राज्य सरकार ने अनुसूचित जनजाति उप योजना के लिए 40 हज़ार 804 करोड़ रूपये आवंटित किए हैं.

वहीं अगर केंद्रीय बजट की बात की जाए तो यह बताया जा रहा है कि इसमें अनुसूचित जनजाति के लिए 5 लाख करोड़ रूपये से अधिक आवंटित करने की योजना है.

1 फरवरी को घोषित अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आदिवासी मामलों के मंत्रालय को 1.3 ट्रिलियन रूपये आवंटित करने का फैसला किया था.

जो वित्त वर्ष 2024-24 की तलुना में 70 प्रतिशत की भारी वृद्धि है.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी की केंद्रीय सरकार 23 जुलाई को अपना बजट पेश कर सकती है.

देश के जनजातीय कल्याण के मंत्री जुएल ओराम के मुताबिक केंद्र 740 एकलव्य मॉडल स्कूल बनाने पर विचार कर रहा है.

केंद्र सरकार के 2021 के आंकड़ों के अनुसार 620 स्वीकृत एकलव्य मॉडल स्कूलों में से 367 स्कूल पूरे भारत में संचालित करना है.

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र ने 3,958 वन धन विकास केंद्रों को चालू करने के लिए काम किया है.

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2018 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य वनों और वन संबंधी उत्पादों के बारे में उनके ज्ञान के माध्यम से आदिवासी समुदाय को सहायता प्रदान करना है.

उन्होंने आदिवासी छात्रों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए गठित एक संस्था राष्ट्रीय शिक्षा सोसायटी (NEST) का भी जिक्र किया.

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