ओडिशा के सुंदरगढ़ ज़िले के बरकानी गांव में एक आदिवासी की मौत के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने खुद संज्ञान लिया है.
यह हादसा 19 अप्रैल को हुआ था. गांव में रेलवे लाइन निर्माण के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान यह मौत हुई थी.
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने सुंदरगढ़ के ज़िलाधीश और पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ राउरकेला स्टील प्लांट (RSP) के अधिकारियों से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.
आयोग ने पूछा है कि अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है.
आयोग के अनुसार, यह घटना तब हुई जब आदिवासी लोग डुमेरता तक प्रस्तावित रेलवे लाइन के निर्माण का विरोध कर रहे थे. यह लाइन राउरकेला स्टील प्लांट द्वारा बनाई जा रही है.
प्रदर्शन के दौरान एक आदिवासी युवक जीसीबी के नीचे आने से मौत हो गई थी. इसके बाद इलाके में तनाव भी फैल गया.
आयोग ने कहा है कि यह मामला गंभीर है. जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी गई है.
डुमेरता बरकानी के रहने वाले आदिवासी निवासी बुधुआ लाकरा ने आयोग को एक ज्ञापन सौंपा है.
उन्होंने बताया कि उनका पुश्तैनी ज़मीन कई साल पहले हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड द्वारा अधिग्रहित की गई थी.
हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड का नाम अब राउरकेला स्टील प्लांट कर दिया गया है लेकिन आज तक उन्हें कोई मुआवज़ा नहीं मिला. उनका परिवार अब भी उस ज़मीन पर खेती करता था.
बुधुआ लाकरा का आरोप है कि हाल ही में राउरकेला स्टील प्लांट ने उनकी कृषि भूमि को नष्ट कर दिया और वहां रेलवे लाइन का निर्माण शुरू कर दिया.
यह सब NCST के सदस्य जतोतु हुसैन के निर्देशों के खिलाफ किया गया. उन्होंने पहले ही साफ कहा था कि जब तक आयोग की अगली अनुमति न मिले तब तक कोई भी निर्माण कार्य न हो.
लाकरा ने भी यह आरोप लगाया कि निर्माण के विरोध के दौरान उनके गांव के एक निवासी, एटो एक्का को जानबूझकर जेसीबी से कुचल दिया गया. उन्होंने NCST से अपील की है कि आदिवासी अधिकारों की रक्षा की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो.
NCST अब इस पूरे मामले की जांच कर रही है और जल्द ही ज़िला प्रशासन और राउरकेला स्टील प्लांट से जवाब मांग रही है.
यह मामला बेहद गंभीर है. इससे पहले क्षेत्रीय पार्टी बीजेड़ी ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) से आग्रह किया था कि एक्का की मौत और स्थानीय अधिकारियों की भूमिका की स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाई जाए.
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (OPCC) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने भी मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि और उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की थी.