HomeAdivasi Dailyपेपर लीक के बाद भर्ती बोर्ड बर्खास्त, तीन ग़िरफ़्तार

पेपर लीक के बाद भर्ती बोर्ड बर्खास्त, तीन ग़िरफ़्तार

जब पूरे देश में NEET की परीक्षा में कथित धांधली या पेपर लीक (Paper Leak) पर चर्चा हो रही है, त्रिपुरा में नौकरियों के लिए होने वाली परीक्षा का पेपर लीक मामला राष्ट्रीय मीडिया में नहीं आ पाया है. लेकिन राज्य के आदिवासी इलाकों में यह बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन रहा है.

त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (TTADC) ने पेपर लीक के बाद भर्ती बोर्ड को भंग कर दिया है. भर्ती परीक्षा के प्रश्नों की उत्तर कुंजी  लीक (paper leak case) होने के बाद त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (TTADC) ने उप क्षेत्रीय विकास अधिकारियों और उप प्रधान अधिकारियों के 110 पदों पर भर्ती परीक्षा को निलंबित कर दिया था.

उसके तीन दिन बाद जनजातीय परिषद ने बुधवार को बोर्ड को भंग कर दिया. भर्ती बोर्ड से कहा गया है कि सभी ज़रूरी फ़ाईलें एडीसी को सौंप दी जाएं. यह कदम टीटीएएडीसी के सीईओ के यह कहने के बाद आया कि भर्ती परीक्षा की नई तारीखों को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा और सूचित किया जाएगा.

एक अधिसूचना में, टीटीएएडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सीके जमातिया ने कहा, “त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के भर्ती बोर्ड का गठन अधिसूचना संख्या एफ 2 (488)/एडीसी/एस्टे/2023/26,934-56 द्वारा किया गया है। दिनांक 25-01-2024… को अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण भंग किया जाता है।’

पूर्व कानून सचिव दातामोहन जमातिया की अध्यक्षता वाले भर्ती बोर्ड में एडीसी के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) सुबल देबबर्मा, उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी (उद्योग और प्रशासन) प्रदीप देबबर्मा, कार्यकारी अधिकारी (वित्त) सत्यजीत देबबर्मा, प्रधान अधिकारी (कानून) शामिल थे. 

इसके अलावा केशब देबबर्मा और कुछ आमंत्रित सदस्य, संबंधित विभागों के प्रमुख और कार्यकारी अधिकारी भी थे.

अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि टीटीएएडीसी के भर्ती बोर्ड के सदस्य-सचिव को अध्यक्ष और सदस्यों के परामर्श से संबंधित फाइलें और दस्तावेज तुरंत एडीसी के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) को सौंपा जाए.

इस बीच पेपर लीक मामले में आरोपी दो व्यक्तियों, अमित देबबर्मा और चयन साहा को राज्य पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पश्चिम अगरतला पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने शहर में एक फोटोकॉपी की दुकान के मालिक और एडवाइजरी चौमुहानी क्षेत्र के निवासी साहा को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के अनुसार यह यह पुष्टि हो गई थी कि लीक हुए प्रश्नपत्रों की फोटोकॉपी उसकी दुकान पर की गई थी.

अमित देबबर्मा को सिपाहीजला जिले के विशालगढ़ इलाके से पकड़ा गया और पश्चिम अगरतला पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया.

इस मुद्दे पर, त्रिपुरा एडीसी की सत्तारूढ़ टिपरा मोथा पार्टी के संस्थापक प्रद्योत किशोर माणिक्य ने सोमवार को त्रिपुरा पुलिस महानिदेशक अमिताभ रंजन को पत्र लिखा और उत्तर कुंजी लीक मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच का अनुरोध किया.

उन्होंने अपने पत्र में लिखा है “मैं इस मामले में निष्पक्ष, त्वरित और संपूर्ण जांच करने की तात्कालिकता पर जोर देना चाहूंगा। यह जरूरी है कि इस अनैतिक कृत्य के लिए जिम्मेदार दोषियों की जल्द से जल्द पहचान की जाए और उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाए। दोषियों ने न केवल परीक्षा प्रक्रिया की अखंडता से समझौता किया है, बल्कि भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता में हजारों उम्मीदवारों के भरोसे को भी तोड़ दिया है। ऐसी घटनाएं न केवल योग्य उम्मीदवारों के प्रयासों को कमजोर करती हैं बल्कि पूरी परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी संदेह की छाया डालती हैं। इसलिए, इस मुद्दे का त्वरित समाधान परीक्षा प्रक्रिया में जनता के विश्वास को बहाल करने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, ”

देश भर में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक एक बड़ी समस्या बन गया है. इस सिलसिले में विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार से कड़ा कानून बनाने की मांग कर रहा है.

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