छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में तेंदूपत्ता इकट्ठा करने वाले आदिवासी मज़दूरों को उनकी मेहनत के पैसे नहीं मिल रहे हैं. जबकि इन आदिवासियों का आर्थिक जीवन पूरी तरह से तेंदूपत्ता पर ही टिका है.
आदिवसी मजूदरों को नगद भुगतान समय पर न मिलने की शिकायत कई विभिन्न संगठनों ने भी उठाई थी. लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से तेंदूपत्ता नगद भुगतान की देरी पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
अब सर्व आदिवासी समाज ने यह तय किया है कि वह तेंदूपत्ता इकट्ठा करने वाले आदिवासियों के नगद भुगतान में देरी के खिलाफ अवाज उठाएंगे.
सर्व आदिवासी समाज ने यह फैसला किया है की 18 जून को आदिवासी नगद भुगतान में देरी के खिलाफ रैली निकालेंगे और एक ज्ञापन सौपेगे.
इसी कड़ी में सर्व आदिवासी समाज के ज़िला अध्यक्ष जग्गू राम तेलामी ने प्रेस नोट जारी कर दिया है. तेंदूपत्ता इकट्ठा करने वाले आदिवासियों के नगद भुगतान की मांग के अलावा सर्व आदिवासी समाज के सदस्य स्थानीय भर्ती लंबित होना, पट्टा वितरण में घोटाला और वनों के तहस-नहस के खिलाफ आवाज उठाएंगे.
बीजापुर ज़िले के कई गाँवों के पास कोई भी स्थानीय बैंक मौजदू नहीं है और ना ही कोई अन्य सेवा है. जिसके कारण गाँव वालों को थोड़े-बहुत पैसे निकालने के लिए भी 50 से 70 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है.
वहीं यह आदिवासी पूरी तरह से अपने आर्थिक जीवनयापन के लिए तेंदूपत्ता पर निर्भर है. और तेंदूपत्ता से मिली राशि से आदिवासी साल पर अपना गुज़रा कर लेते हैं.
सर्व आदिवासी समाज 18 जून 2024, मंगलवार को ज़ला समाज बस स्टैंड में इकट्ठा होंगे. जिसके बाद यह सभी मुख्य मार्ग से पैदल रैली निकालर कलेक्टर कार्यालय पहुंचगे. इसके बाद यह राज्यपाल, मुख्यमंत्री और वन मंत्री के नाम बीजापुर कलेक्टर को ज्ञापन सौपेंगे.