हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर हरीकेश मीणा की अंतरिम ज़मानत 14 जुलाई तक बढ़ा दी है.
यह ज़मानत HPPCL के मुख्य इंजीनियर विमल नेगी की मौत से जुड़े मामले में दी गई है.
CBI को सौंपी गई जांच
इस मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी गई है.
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस केस से हटाकर, CBI को इसकी आधिकारिक ज़िम्मेदारी दी है.
अदालत ने CBI से केस की वर्तमान स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है. CBI ने रिपोर्ट पेश करने के लिए चार हफ्तों का समय मांगा है.
विमल नेगी की मौत कैसे हुई
वीमल नेगी 10 मार्च को अचानक लापता हो गए थे. उनका शव 18 मार्च को बिलासपुर के गोविंद सागर झील से मिला था.
उनकी पत्नी ने आरोप लगाया है कि HPPCL के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा था. इसी वजह से नेगी ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया.
केस में हरीकेश मीणा की भूमिका क्या ?
नेगी की पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई FIR में हरीकेश मीणा का नाम भी है.
मीणा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले ही अदालत में अग्रिम ज़मानत की याचिका दायर कर दी थी लेकिन सोमवार को सुनवाई के दौरान वे अदालत में मौजूद नहीं थे.
CBI अब अदालत में मीणा की ज़मानत का विरोध कर सकती है. हाईकोर्ट में जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है.
विमल नेगी केस की जांच के बीच राज्य सरकार ने वरिष्ठ IAS अधिकारी और अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा से कई महत्वपूर्ण विभाग वापस ले लिए हैं.
अब उनके पास केवल जनजातीय विकास विभाग ही बचा है.
इससे पहले उनके पास जल शक्ति, गृह और विजिलेंस जैसे विभाग थे.
ओंकार शर्मा ने वीमल नेगी केस पर एक फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी थी.
इस रिपोर्ट में उन्होंने पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए थे. कहा जा रहा है कि उन्होंने यह रिपोर्ट एडवोकेट जनरल के दफ्तर को बाइपास करके सीधे कोर्ट को दी थी.
मीणा को नई पोस्टिंग नहीं मिली
हरीकेश मीणा को HPPCL से हटाए जाने के बाद युवा सेवा एवं खेल विभाग में विशेष सचिव (Special Secretary) बनाया गया था. लेकिन इसके बाद से उन्हें कोई नई पोस्टिंग नहीं मिली है.
हालांकि हरिकेश मीणा की ज़मानत बढ़ा दी गई है. लेकिन उनका नाम एफआईआर में होने के कारण अभी उन्हें कार्ट से राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं.