HomeAdivasi Dailyकेरल: हाथी हमले में हुई मौत के बाद NH 766 पर वायनाड़...

केरल: हाथी हमले में हुई मौत के बाद NH 766 पर वायनाड़ के आदिवासियों का प्रदर्शन

आदिवासी बहुल ज़िले में हाथियों के हमले की घटनाएं आती ही रहती हैं. इन घटनाओं की संख्या में कोई कमी न होने के कारण वायनाड़ के आदिवासियों ने सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया और प्रदर्शन किया है.

केरल के पहाड़ी ज़िले वायनाड के एक गांव में बुधवार यानि आज बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. यहां के लोगों ने 14 जुलाई को हाथी के हमले में मारे गए एक व्यक्ति की मौत के मामले में सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है.

दरअसल, कल्लुमुक्कु (Kallumukku) के मरोडु आदिवासी बस्ती (Marodu tribal settlement) में रहने वाला 52 वर्षीय राजू रविवार को अपने धान के खेत में से काम करके लौट रहा था, तभी जंगली हाथी के हमले से वह गंभीर रूप से घायल हो गया.

इसके बाद उसे सुल्तान बाथरी के तालुक अस्पताल ले जाया गया. बाद में उसे कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया जहां 16 जुलाई की शाम को राजू ने दम तोड़ दिया.

आदिवासी बहुल ज़िले में हाथियों के हमले की घटनाएं आती ही रहती हैं. इन घटनाओं की संख्या में कोई कमी न होने के कारण यहां के आदिवासियों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार इन मामलों को लेकर सचेत नहीं है और इस समस्या को हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.

इसके बाद बुधवार की सुबह इस इलाके के सैकडों लोगों ने शव के साथ विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के दौरान लोगों ने कोझिकोड से कोल्लेगल जाने वाले नेशनल हाइवे 766 को बाधित कर दिया.

प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मानव और जंगली जानवरों के बीच बढ़ते संघर्ष के लिए स्थाई समाधान की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की मांग की है.

इसके अलावा मृत राजू के परिवार में किसी को स्थाई सरकारी नौकरी देने और 5 साल पहले एक हाथी के हमले के बाद बिस्तर में पड़े उसके पिता के भाई बीजू के इलाज का खर्च उठाने की भी मांग की है.

बुधवार की सुबह पीडित परिवार से मिलने पहुंचे राज्य के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री ओ. आर. केलू पर भी गांववाले क्रोधित दिखाई दिए. उनका कहना है कि जंगली हाथियों के हमलों को रोकने में सरकार की कथित निष्क्रियता के कारण एक और जान चली गई.

मंत्री ओ. आर केलू ने बाद में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे नेताओं के साथ बातचीत की और उन्हें भरोसा दिलाया कि सर्वदलीय बैठक के बाद मांगों पर विचार किया जाएगा.

वायनाड जिले में पिछले डेढ साल में वन्यजीवों के हमलों के कारण कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें से पांच लोगों की मौत इसी वर्ष यानि 2024 में ही हुई है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments