झारखंड में पिछले तीन लोकसभा चुनावों में दबदबा बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) को झारखंड की पांच आदिवासी सीटों – खूंटी, सिंहभूम, लोहरदगा, राजमहल और दुमका में झटका लगने वाला है.
झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो (JMM) के नेतृत्व वाला गठबंधन सभी पांच सीटों पर आगे चल रहा है. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तीन सीटों – सिंहभूम, राजमहल और दुमका पर अच्छा प्रदर्शन किया है.
यह इन आदिवासी निर्वाचन क्षेत्रों में JMM नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लगभग चार महीने पहले कथित ज़मीन हड़पने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ़्तारी के खिलाफ कथित सार्वजनिक आक्रोश का फ़ायदा उठाता दिख रहा है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान पर भरोसा करने वाली भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद, विपक्षी दल द्वारा उठाए गए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस के नेताओं पर ईडी और सीबीआई की छापेमारी, कानून और व्यवस्था के मुद्दे भारी पड़े.
ऐसा लगता है कि झामुमो “हेमंत सोरेन के साथ हो रहे अन्याय” के बारे में आदिवासी भावनाओं को जगा सकता है.
खूंटी और लोहरदगा लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस आगे चल रही है.
चुनाव आयोग के मुताबिक, खूंटी में केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद अर्जुन मुंडा कांग्रेस के कालीचरण मुंडा से 1 लाख से अधिक वोटों से पीछे चल रहे हैं.
इसी तरह लोहरदगा में कांग्रेस के सुखदेव भगत भाजपा के समीर उरांव से करीब 50 हज़ार वोटों से आगे चल रहे हैं.
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष भगत 2019 में भाजपा में शामिल हो गए थे, बाद में कांग्रेस में लौट आए.
वहीं अधिकारियों ने बताया कि सिंहभूम में सातवें दौर की मतगणना के बाद झामुमो की जोबा मांझी अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की गीता कोड़ा से 80 हज़ार 393 वोटों से आगे चल रही हैं.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुई थीं. वह राज्य में कांग्रेस की एकमात्र सांसद थीं.
इसके अलावा राजमहल सीट पर झामुमो के विजय हंसदक भाजपा के ताला मरांडी से 41 हज़ार 684 वोटों से आगे चल रहे हैं.
दुमका में भाजपा की सीता सोरेन, जो पहले झामुमो के नलिन सोरेन से आगे चल रही थीं. अब कड़े मुकाबले में 3,902 वोटों से पीछे चल रही हैं. तीन बार झामुमो विधायक रहीं सीता भी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुई थीं.
2019 में भाजपा ने खूंटी, दुमका और लोहरदगा में जीत दर्ज की थी, जबकि सिंहभूम में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. वहीं राजमहल में झामुमो ने जीत दर्ज की थी.
राज्य की आदिवासी सीटों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और जेल में बंद झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन सहित इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने बड़े पैमाने पर प्रचार किया था, जिन्हें झामुमो में नई जान फूंकने का श्रेय दिया जाता है.
सिंहभूम, खूंटी और लोहरदगा में 13 मई को मतदान हुआ था, जबकि दुमका और राजमहल में 1 जून को मतदान हुआ था.
झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से छह सीटें एससी और एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं. और विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक ने आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर विक्टिम कार्ड खेला.
अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि भाजपा के भीतर की अंदरूनी कलह ने भी पार्टी के लिए खेल बिगाड़ा.
2019 लोकसभा चुनाव में एनडीए ने राज्य में 12 सीटें जीती थी, जबकि कांग्रेस और जेएमएम ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की थी.