हाग्रामा मोहिलारी ने एक बार फिर बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल (BTC) के मुख्य कार्यकारी सदस्य (CEM) बन गए हैं.
बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) के अध्यक्ष हग्रामा मोहिलारी बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल (BTC) के पहले मुख्य कार्यकारी सदस्य रहे हैं.
संविधान की छठी अनुसूची के तहत गठित असम की बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल के गठन के बाद से सिर्फ़ 5 साल ऐसे थे जब हग्रामा मोहिलारी सत्ता से बाहर हुए.
यह बात बिना किसी संदेह के कही जा सकती है कि हग्राम मोहिलारी बोडोलैंड के निर्विविादित सबसे बड़े नेता हैं.
उनकी जिंदगी और करियर सामाजिक-राजनीतिक बदलावों और बोडो समुदाय की आकांक्षाओं और क्षेत्रीय विकास की गहराई से जुड़ा हुआ है.
हाग्रामा मोहिलारी का जन्म 1 मार्च 1969 को हुआ था.
उनका जन्म स्थान कोकराझार जिला, असम, भारत है.
वे बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के साथ जुड़े हैं और बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल के पहले मुख्य कार्यकारी सदस्य के रूप में 2003 से 2020 तक कार्यरत रहे है.
वे बोडोलैंड क्षेत्र में पले-बढ़े जहां सामाजिक और राजनीतिक अशांति का माहौल था.
बोडो समुदाय की जातीय स्वायत्तता की मांग और क्षेत्र की समस्याओं ने उनकी सोच और बोडो पहचान के प्रति उनकी लगन को गहराई से प्रभावित किया.
इस पृष्ठभूमि ने उन्हें बोडो समुदाय के हितों के लिए काम करने की प्रेरणा दी.
राजनीतिक करियर
हाग्रामा मोहिलारी ने अपने करियर की शुरुआत बोडो लिबरेशन टाइगर्स के प्रमुख रूप में की थी.
यह संगठन बोडो समुदाय के लिए स्वायत्तता और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय था.
2003 में उन्होंने मुख्य रूप से राजनीति में प्रवेश किया और बोडो लिबरेशन टाइगर्स को छोड़कर बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट की स्थापना की.
2005 में उन्होंने औपचारिक रूप से बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) की स्थापना की और इसके पहले अध्यक्ष बने.
हाग्रामा मोहिलारी ने 10 फरवरी 2003 को बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी
यह स्वायत्त परिषद भारत के संविधान की छठी अनुसूची के तहत बनाई गई थी जो बोडो समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था.
2003 से 2020 तक वे बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल के मुख्य कार्यकारी सदस्य रहे.
उनके नेतृत्व में 2010 में बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल चुनावों में 40 में से 31 सीटें जीतकर भारी जीत हासिल की थी.
उन्होंने इस जीत को जनता के समर्थन का प्रतीक बताया और क्षेत्र के विकास के लिए काम करने का वादा किया.
उनके नेतृत्व में बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने 2016 के असम विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया और 13 में से 12 सीटें जीतीं जो उनके प्रभाव और लोकप्रियता को दर्शाता है.
2020 के बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल (BTC) चुनाव में बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने 40 में से 17 सीटें जीतीं.
लेकिन यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (UPPL) ने 12 सीटें, और भारतीय जनता पार्टी ने 9 सीटें हासिल कीं थी.
इस वजह से बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट सबसे बड़ी पार्टी तो बनी लेकिन गठबंधन न बना पाने के कारण यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल, भारतीय जनता पार्टी और गाना शक्ति पार्टी ने मिलकर सरकार बनाई.
प्रेमोद बोरो को मुख्य कार्यकारी सदस्य बनाया गया और हाग्रामा मोहिलारी की 17 साल की सत्ता समाप्त हो गई थी.
2025 के बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल चुनाव में हाग्रामा मोहिलारी के नेतृत्व में बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने शानदार वापसी की और 40 में से 28 सीटें जीत लीं.
यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (UPPL) को सिर्फ 7 और भारतीय जनता पार्टी को 5 सीटें मिलीं.
हाग्रामा मोहिलारी ने देबोरगां से जीत हासिल की लेकिन चिरांग दुवार से हार गए.
इस जीत के साथ बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने साफ बहुमत हासिल किया और बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल में फिर से सत्ता संभालने की तैयारी कर रही है.
हाग्रामा मोहिलारी 5 अक्टूबर 2025 को कोकराझार में शपथ लेंगे और मुख्य कार्यकारी सदस्य के रूप में वापसी करेंगे.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे.
बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल में योगदान
हाग्रामा मोहिलारी ने बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल के विकास के लिए कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिये है.
उन्होंने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं.
जनवरी 2006 में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (BTC) के चार जिलों से 10 अधिकारियों को बेंगलुरु के भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान भेजा गया ताकि वे आधुनिक खेती की तकनीकें सीख सकें.
इन अधिकारियों के मार्गदर्शन में BTC ने हथकरघा (हाथ से कपड़ा बुनने का काम) उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 12 प्रशिक्षण केंद्र और 6 उत्पादन केंद्र शुरू किए.
साल 2008 में बोडोलैंड रीजनल एपेक्स वीवर्स एंड आर्टिसन्स कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड नाम की संस्था बनाई गई.
इसका मकसद यह था कि हथकरघा से जुड़ी इकाइयों को एक साथ लाकर एक सहकारी (cooperative) तरीके से काम कराया जा सके.
इसका मुख्य कार्यालय कोकराझार में है.
हाग्रामा मोहिलारी ने शिक्षा को प्राथमिकता दी.
उनके प्रयासों से बोडोलैंड विश्वविद्यालय को 2019 में 12B स्टेटस प्राप्त हुआ जो बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल और निचले असम के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी.
उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, बौद्धिक गतिविधियों और समग्र प्रगति के लिए महत्वपूर्ण होगा.
उन्होंने बोडो भाषा को देवनागरी लिपि में भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
यह बोडो समुदाय की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम था.
व्यक्तिगत और राजनीतिक प्रभाव
हाग्रामा मोहिलारी का जीवन और करियर बोडो समुदाय की बेहतरी के लिए समर्पित रहा है.
उनकी नेतृत्व क्षमता, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ गठबंधन और बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल के विकास कार्यों ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता बनाया.
2020 में हार के बाद भी 2025 की जीत ने उनकी लोकप्रियता को फिर से साबित कर दिया.
उनकी पार्टी और उनके प्रयास आज भी बोडोलैंड क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं.