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मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल डिंडौरी में तेज़ी से बढ़ रहे सिकल सेल के मरीज

डिंडौरी आदिवासी बहुल ज़िला है. 2011 की जनगणना के अनुसार 7 लाख जनसंख्या में से लगभग 60 प्रतिशत आबादी आदिवासी है. इस ज़िले में बढ़ता सिकल सेल रोग का कारण आदिवासियों का परीक्षण से दूरी बताई जा रही है.

आज पूरे विश्व में सिकल सेल दिवस (World Sickle Cell day) मनाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश (Tribes of Madhya pradesh) के डिंडौरी ज़िले ( Dindori District) में रहने वाले आदिवासियों में लगातार बढ़ रहा सिकल सेल (Sickle Cell disease) एनीमिया एक बड़ी चिंता का विषय है.

डिंडौरी आदिवासी बहुल ज़िला है. 2011 की जनगणना के अनुसार 7 लाख जनसंख्या में से लगभग 60 प्रतिशत आबादी आदिवासी है.

इस रोग का बढ़ने का कारण सिकल सेल के परीक्षण से बैगा आदिवासियों (Baiga Tribe) की दूरी बताई जा रही है.

वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि वे आदिवासी युवक-युवतियों के बीच जागरूक अभियान कर रहे हैं. लेकिन इसका कोई खास परिणाम देखने को नहीं मिल रहा है.

सिकल सेल एनीमिया एक जेनेटिक बीमारी है. मतलब एक ऐसी बीमारी जो माता-पिता से मिलती हो.

इसके लक्षण भी आसानी से समझ नहीं आ पाते. इस बीमारी का कोई ठोस इलाज़ अब तक देश में मौजूद नहीं है.

इसलिए इस बीमारी का प्रभाव कम करने का एकमात्र उपाय ये है कि प्रभावित व्यक्ति या तो शादी न करे या फिर बच्चा पैदा ना करे.

यहीं कारण है की शादी से पहले आदिवासियों की जांच करवाई जा रही है. लेकिन आदिवासी इस जांच से अक्सर बचने का प्रयास करते हैं.

जिले में सिकल सेल से प्रभावित लोगों के नाम 1970 में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दर्ज किए गए थे.

लेकिन यह आंकड़े अब पांच गुना हो चुके हैं. क्योंकि सिकल सेल मरीजों की संख्या 11 हज़ार 559 पहुंच गई है.

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा सिकल सेल रोग से प्रभावित है. इस राज्य के 45 ज़िलों में से 27 ज़िले में सिकल सेल रोग का प्रभाव है.

आदिवासी समाज में पैदा होने वाले 86 में से 1 बच्चा सिकल सेल रोग से प्रभावित होता है.

सिकल सेल रोग आदिवासियों के लिए अभिशाप है. क्योंकि इसका अभी तक भारत में कोई ठोस इलाज़ मौजूद नहीं है.

हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि जीन थेरेपी के ज़रिए आदिवासियों को सिकल सेल रोग से बचाया जा सकता है.

लेकिन इस तकनीक को लगाने की लगात काफी ज्यादा है. इसलिए यह अभी तक भारत में नहीं लाया जा सका है.

वहीं पूरी दुनिया में अफ्रीकी देशों के बाद भारत दूसरा ऐसा देश है. जहां सबसे ज्यादा सिकल सेल से लोग प्रभावित हैं.

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