छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. खेल और शिक्षा के साथ-साथ अब बस्तर के युवा संगीत के क्षेत्र में भी नाम कमा रहे हैं. हालांकि, पिछड़ा क्षेत्र होने की वजह से इन लोगों को मंच नहीं मिल पाता लेकिन उनके हुनर की हर कोई तारीफ करता है. सोशल मीडिया पर इन दिनों एक ऐसे ही आदिवासी लड़की के गाने का वीडियो वायरल होने के बाद उसकी सुरीली आवाज की जमकर तारीफ हो रही है.
नक्सल प्रभावित नारायणपुर (Narayanpur) ज़िले के एक छोटे से गांव बोरावण्ड में रहने वाली हेमलता सरंगा (Hemlata Saranga) की हल्बी बोली में गायकी का वीडियो किसी ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया और तब से यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है.
हेमलता की गायकी का हर कोई दीवाना बन बैठा है. खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त कर बस्तर की गोंडी और हल्बी बोली के साथ ही हिंदी गाने भी हेमलता गाती है, लेकिन मंच नहीं मिल पाने की वजह से उसकी आवाज गांव में ही दबकर रह गई है.
सोशल मीडिया का ही कमाल है कि हेमलता की गायकी का वीडियो वायरल होने के बाद उसके आवाज की जमकर तारीफ हो रही है. हेमलता बस्तर की लता मंगेश्कर कही जा रही है. हेमलता सारंगा ने बताया कि उन्होंने ग्रेजुएशन किया और उसके बाद उन्होंने खैरागढ़ यूनिवर्सिटी से संगीत सीखा और यहीं पर डिग्री हासिल की.
हेमलता की ख्वाहिश है कि उनके क्षेत्र के बच्चे भी संगीत के क्षेत्र में नाम कमाए. हालांकि, हेमलता ने बताया कि उन्हें गायकी के लिए कभी मंच नहीं मिल पाया, जिस वजह से उनकी आवाज गुमनामी का शिकार हो गई. लेकिन वह चाहती है कि बस्तर के भी आदिवासी युवा संगीत के क्षेत्र में अपना नाम कमाए. नक्सलवाद का दंश झेल रहे यहां के बच्चे अपने हुनर और आवाज से अपनी पहचान बनाए.
हेमलता सरंगा ने स्थानीय बोली हल्बी और गोंडी के कई गाने गाए हैं. वह चाहती है कि स्थानीय बोली के गीतों को भी राज्य में प्राथमिकता मिले और साथ ही उन्हें भी मंच मिले, ताकि अपने हुनर को दिखाने का एक मौका मिल सके. फिलहाल हेमलता अपने गांव में ही रहकर आस-पास के बच्चों को संगीत सिखाती है.

